उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अर्जुन त्रिपाठी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आज के समय में आत्महत्या एक मानसिक बीमारी की तरह हो गई है । किसी कारण से बच्चों की संख्या में कमी आई है । बच्चों में किसी न किसी तरह की मानसिकता रही है । परिवार में किसी तरह की कलह हो गई है । किसी तरह की लड़ाई हुई है । लोगों में एक मानसिकता रही है , लेकिन यह पूरी तरह से गलत है । हमें इसके बारे में सोचना चाहिए , हमें अपनी मानसिकता को थोड़ा बदलना चाहिए ताकि हम लोगों पर किसी भी तरह का दबाव न डालें , अगर हमारे बच्चे पढ़ने में थोड़े कमजोर हैं तो हम उन पर वह दबाव न डालें । कि हमें इतनी सारी संख्याओं की आवश्यकता है , ठीक है , आपका बच्चा नब्बे संख्याओं के साथ नहीं आ पा रहा है , शायद आप उसे थोड़े प्यार से समझा सकते हैं , शायद उसके पास सत्तर संख्याएँ हैं , कभी - कभी ऐसा होता है कि जिसने अध्ययन किया है वह भी अच्छा है । वह डर में रहता है और अचानक उसके दिमाग से निकल जाता है कि इस सवाल का जवाब क्या होगा , कभी - कभी पेपर उसे इतना मुश्किल लगता है कि वह पेपर ठीक से नहीं कर पाता है । यदि आप चीजों में कमजोर हैं , तो आप उसे प्रोत्साहित करते हैं , अगली बार उसके अच्छे अंक आएंगे ।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि चुनावों में जो पैसा इस्तेमाल किया जाता है , जैसा कि नेता अक्सर कहते हैं , कि हमारे पार्टी फंड से होता है । चाहे वह वास्तव में जनता की ओर से दिया गया दान हो या किसी व्यवसायी की ओर से दिया गया दान , इस बारे में सोचना चाहिए क्योंकि कोई भी व्यवसायी जो दान करता है , वह बैंक खातों से गुजरता है । बैंक खाते से पार्टी फंड को देती है और पार्टी इसका इस्तेमाल करती है , लेकिन यह राशि इतनी बड़ी कैसे हो जाती है कि व्यापारी अपनी जेब से ये सारा पैसा दे देते हैं ? यह सारा पैसा अपने लाभ से दें , क्या यह संभव नहीं है , क्योंकि जो पैसा गलत तरीके से कमाया जाता है , वह गलत पक्ष को दिया जाता है । कोष में धन एकत्र किया जाता है ताकि छोटे श्रमिकों से लेकर बड़े श्रमिकों तक के टिकट खरीदे जा सकें ।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आइए सुनते हैं जानमानी गायिका कविता होरो के खास विचार! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि अधिकांश आत्महत्याएँ महिलाओं , विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा की जाती हैं । क्योंकि उन्हें हमेशा सिखाया जाता है कि जब वे पैदा होते हैं , तो उन्हें सिखाया जाता है कि ज्यादातर चीजों के लिए परिवार की देखभाल करें ,चुप रहे वह इन सभी चीजों पर दम तोड़ती रहती है और जब दम घुटना असहनीय हो जाता है , तो वह आत्महत्या कर लेती है , लेकिन हमारी बेटियों को इससे बचाने का सबसे आसान तरीका उनकी रक्षा करना है । हमारे घर की महिलाओं को शिक्षित करना निरक्षरता का एक मूल कारण है , लेकिन अगर हम अपने बच्चों को शिक्षित करते हैं इसलिए उनके दिमाग में कुछ चीजें आएंगी जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने में मदद करेंगी , वे आत्मनिर्भर होंगे और जब वे आत्मनिर्भर होंगे , तो उनके दिमाग में यह भ्रम नहीं होगा ।हमारे देश में , बेटियों को हमेशा आत्महत्या करके दबाया जाता है , कभी अपने पतियों द्वारा , कभी अपने ससुराल वालों द्वारा , कभी किसी और द्वारा । इस तरह उनमें यह मानसिक अशांति पैदा हो जाती है कि वे सहन नहीं कर पाते और आत्महत्या कर लेते हैं , लेकिन अगर हम उन्हें आत्मनिर्भर बना देते हैं तो ऐसी स्थितियां नहीं आएंगी ।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

राजीव की डायरी कड़ी संख्या 19 घरेलू हिंसा पर घातक बनती चुप्पी

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे एक श्रोता से बात किया उन्होंने एम.एस.पी. के बारे में बताया की यह क्या है और इसे कैसे लागु करना चाहिए

पक्ष विपक्ष कड़ी संख्या 47 किसानो की मांग और भारत रत्न

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह के आवाहन पर पूरे प्रदेश में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन देने का कार्य किया गया जिसमें गोरखपुर जनपद अध्यक्ष रमेश कुमार भारती के नेतृत्व में आज सुबह 12 :00 बजे जिला मुख्यालय (विकास भवन) पर बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी एकत्रित होकर के अपनी मांगों को लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी,जिला अधिकारी,अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं पंचायती राज निदेशक को ज्ञापन दिया गया ज्ञापन के माध्यम से रमेश कुमार भारती ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी नियुक्ति साक्षर पर हुआ है और अधिकतर पुरूष एवं महिला कर्मचारी साक्षर हैं और हम सबसे निचले पायदान के कर्मचारी हैं और हम लोगों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस उचित नहीं है क्यों कि सफाई कर्मचारियों को कभी BLO में ड्यूटी,ओडीएफ दस्ता स्वच्छता मिशन कार्यक्रम में ड्यूटी, चुनाव में मतगणनाऔर जनगणना में प्रगणक के रूप में ड्यूटी, तो कभी निर्वाचन कार्यालय में मतदाता सूची एकत्रित करने में ड्यूटी,और कभी ग्राम प्रधान, जिला पंचायत, विधानसभा,एवं लोकसभा चुनाव में EVM एवं मतपेटियों की ढुलाई एवं सफाई के लिए ड्यूटी लगाई जाती है और अधिकतर सफाई कर्मचारियों को गाँवों में टोली बनाकर सफाई कार्य के लिए कई किलो मीटर दूर-दूर ड्यूटी लगाई जाती है।मुख्यमंत्री के रैली कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए ड्यूटी लगाई जाती है,सभी पर्वों पर गोरखपुर महोत्सव हो या ईद, बकरीद, दशहरा, दीपावली में मूर्ति विसर्जन में जनपद के विभिन्न स्थानों पर दिन और रात्रि में स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ड्यूटी लगाई जाती है।एवं दैवी आपद, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अचानक ड्यूटी लगाई जाती है। जिसको बखूबी निभाया जाता है।फिर भी हम कर्मचारियों का बहुत ज्यादा शोषण होता है और तो और जब आनलाइन बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य हो जाएगा तो और भी शोषण होना शुरू हो जाएगा इस लिए हम मा.मुख्यमंत्री जी से निवेदन करते हैं की हम कर्मचारियों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस हाजिरी न ली जाए। इस ज्ञापन कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रामसूरत यादव एवं जिला कोषाध्यक्ष राम मिलन पासवान ने किया उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गांव में और भी विभाग के कर्मचारी नियुक्त हैं उन लोगों का बायोमैट्रिक नहीं लगती है केवल और केवल सफाई कर्मचारियों का ही शोषण होता है इसी कोरोना काल में हम सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा करने का कार्य किया जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार एवं जिला मीडिया प्रभारी शमसुद्दोहा ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि अगर कोई छोटा कर्मचारी है तो हम सफाई कर्मचारी हैं हम सफाई कर्मचारी निर्वाचन बाकस ढोने से लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यो अपनी ड्यूटी बहुत ही इमानदारी से करते हैं और हम लोगों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक हाजिरी उचित नहीं है क्योंकि पंचायत भवन 10:00 बजे खुलता है और हमारी ड्यूटी गर्मियों में सुबह 7:00 बजे से 2:00 बजे तक एवं ठंडी में 8 बजे से 3 बजे तक ड्यूटी लगती है और पंचायत भवन 10:00 बजे खुलता है पंचायत सहायक का पता नहीं चलता है कुछ मजरों गांवों में सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी 10 -20 किलो मीटर की दूरी पर लगी है।और बाढ़, बारिश, और ठंड में आने-जाने में ही कर्मियों को समय लग जाएगा। इस दशा में हम कर्मचारियों की हाजिरी छूट जाएगी और हमारी महिला बहनों को आने जाने मे समय लग जाएगा जिससे हम अपने कार्य में अनुपस्थित हो जाएंगे माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील करते हैं कि हम सफाई कर्मचारियों का बायोमैट्रिक ऑनलाइन हाजिरी न लगा करके ग्राम प्रधानों के वहां उपस्थिति दर्ज कराई जाय । जिला संगठन मंत्री रामदुलारे यादव, जिला समप्रेक्षक उमेश सिंह, राम कुमार राव, मोलई प्रसाद, त्रयम्बक मणि त्रिपाठी, शिवेन्द्र नाथ मिश्र, शंभु नाथ गौड़ ने संयुक्त रूप से कहा कि सफाई कर्मचारियों को ऑनलाइन उपस्थिति से मुक्त रखा जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, सफाई कर्मचारियों की विभागीय सेवा नियमावली बनाई जाए, सफाई कर्मचारियों को पदोन्नत के अवसर प्रदान किए जाए, मृतक आश्रितो को योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए।

राजीव की डायरी कड़ी संख्या 17 कैसी है हमारी 2024 की शिक्षा