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गांव की दलित बस्ती में रहने वाले 50 घरों के लोगों को आने जाने के लिए रास्ते की तलाश है। कच्चे चकरोड पर आवागमन में दुश्वारियां झेलने की विवशता खजनी गोरखपुर।। ब्लॉक क्षेत्र के रूद्रपुर ग्रामसभा की दलित बस्ती में रहने वाले लगभग 50 परिवार के लोगों को आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बारिश के मौसम में मिट्टी और कीचड़ से भरे मार्ग पर आवागमन दूभर हो जाता है। लगभग 20 वर्ष पहले गांव के काली मंदिर स्थान से दलित बस्ती तक जाने के लिए बनाया गया सीसी रोड संपर्क मार्ग भी टूट फूट कर क्षतिग्रस्त हो गया है। रास्ते की समस्या के कारण छोटे बच्चे स्कूलों में पढ़ने नहीं जा पाते हैं। बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गांव के निवासी रामपलट, अमन, मोतीलाल, सत्येंद्र चंद,उपेंद्र,राहुल, जितेंद्र, मनीष, प्रेमशंकर, विनोद आशीष सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि रास्ते की समस्या से ग्रामप्रधान,स्थानीय जनप्रतिनिधियों ब्लॉक और तहसील पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, किंतु किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आजादी के 76 वर्ष बाद भी हमें आने जाने के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है।

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6 सूत्रीय मांगों को लेकर रसोइयों का प्रदर्शन। अधिक जानकारी के , लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

नौसड से मोड दी गई रोडवेज बसेशहर आने का बढ़ गया ख़र्च

हर पात्र व्यक्ति को दिलाई सीएम पीएम आवास योजना का लाभ सीएम योगी ने अधिकारियों को दिया निर्देश

जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रो का नहीं ‌होपा रहा निस्तारण

इनकी लापरवाही से मजबूत हो रहाहै मरीज़ माफिया नेटवर्क टामाके नाम पर सिर्फ कर रहे ठगी

अस्पताल पर चर्चा

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से धीरज कुमार श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि सरकारी नौकरियां किसी के आत्मविश्वास को मजबूत करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करती हैं । सुरक्षा और सामाजिक स्थिति की दृष्टि से भी सरकारी नौकरियां महत्वपूर्ण हैं । और आर्थिक स्तर पर एक सामाजिक न्यायालय का निर्माण करता है , हालांकि इस स्थिति में एक और पहलू है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते । यदि परीक्षा में अनैतिकता है तो यह सरकारी प्रक्रिया को भी बाधित कर सकता है जो नागरिक पेपर लीक के माध्यम से सरकार की विश्वसनीयता के बारे में सवाल उठाता है । नुकसान उम्मीदवारों को ही होता है , लेकिन यह समस्या समाज के विश्वास को भी कमजोर करती है , अन्यथा विभिन्न सामाजिक वर्गों के लोगों के बीच सामाजिक सद्भाव में कमी आ सकती है ।