कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

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गांव की दलित बस्ती में रहने वाले 50 घरों के लोगों को आने जाने के लिए रास्ते की तलाश है। कच्चे चकरोड पर आवागमन में दुश्वारियां झेलने की विवशता खजनी गोरखपुर।। ब्लॉक क्षेत्र के रूद्रपुर ग्रामसभा की दलित बस्ती में रहने वाले लगभग 50 परिवार के लोगों को आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बारिश के मौसम में मिट्टी और कीचड़ से भरे मार्ग पर आवागमन दूभर हो जाता है। लगभग 20 वर्ष पहले गांव के काली मंदिर स्थान से दलित बस्ती तक जाने के लिए बनाया गया सीसी रोड संपर्क मार्ग भी टूट फूट कर क्षतिग्रस्त हो गया है। रास्ते की समस्या के कारण छोटे बच्चे स्कूलों में पढ़ने नहीं जा पाते हैं। बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गांव के निवासी रामपलट, अमन, मोतीलाल, सत्येंद्र चंद,उपेंद्र,राहुल, जितेंद्र, मनीष, प्रेमशंकर, विनोद आशीष सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि रास्ते की समस्या से ग्रामप्रधान,स्थानीय जनप्रतिनिधियों ब्लॉक और तहसील पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, किंतु किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आजादी के 76 वर्ष बाद भी हमें आने जाने के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है।

घूसखोरी में विकास खंड सचिव को चार साल की सजा।

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पक्ष विपक्ष कड़ी संख्या 53 राजनीति का अपराधीकरण

6 सूत्रीय मांगों को लेकर रसोइयों का प्रदर्शन। अधिक जानकारी के , लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

नौसड से मोड दी गई रोडवेज बसेशहर आने का बढ़ गया ख़र्च