"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा असली डीएपी की पहचान करने के बारे में जानकारी दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें 

नमस्कार आदाब श्रोताओं मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है, रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो उत्तर प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा निकाली गई फार्मासिस्ट आयुर्वेद के 1002 पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने फार्मेसी में डिप्लोमा किया हो। इसके साथ ही आवेदनकर्ता की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सभी उम्मीदवारों के लिए 25 रुपए रखा गया है।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.freejobalert.com/upsssc-pharmacist-ayurveda-2024/1075332/ ।याद रखिए इस भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 03-03-2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी ऐप पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

जैसा की आपको पता ही है की वसंत ऋतू को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और वसंत पंचमी का त्यौहार भी वसंत ऋतू में ही मनाया जाता है जी हां दोस्तों बसंत पंचमी मुख्य रूप से प्रकृति और भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ त्योहार है, जो बसंत के आने तथा ठंडी के जाने का संकेत देता है,जब फूलों पर बहार हो , जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं, खेतों में सरसों और आमों के पेड़ों पर बौर आने लगते हैं तब वसंत पंचमी का त्योहार आता है।बसंत उत्सव बसंत ऋतु की ताजगी एवं खूबसूरती का उत्सव होता है इसका आगमन सभी के मन में एक अलग ही तरह की सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। यह खुशियों के साथ-साथ शिक्षा, ज्ञान और समृद्धि का भी त्योहार है। इस दिन शहरों ,गांवों ,टोलो और कस्बों में सभी लोग खास कर नवयुवक और विद्यार्थीगण छोटे छोटे बच्चे माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.तो आइये हम सब भी इस खुशनुमा ऋतू और उत्सव का आनंद उठाये। साथियों आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।

खजनी गोरखपुर।। क्षेत्र के ज्यादातर किसानों की रबी की फसलों की बुवाई हो चुकी है। सिंचाई के बाद किसानों के खेतों में तैयार हो रही गेहूं, मटर, सरसों, दलहन,सब्जियों तथा पशुओं के हरे चारे बरसीन आदि फसलों की हरियाली खेतों में नजर आने लगी है। किंतु छुट्टा आवारा पशुओं और नीलगायों के आतंक से किसान परेशान और भयभीत हैं। भरोहियां गांव के निवासी किसान संजय तिवारी और जनार्दन तिवारी ने बताया कि छुट्टा पशु खेती का बहुत नुकसान कर रहे हैं। इसी प्रकार क्षेत्र के किसानों मिश्री लाल सुधाकर,अरविंद चौरसिया, प्रदीप, जवाहिर साहनी,राजू दूबे, भगवान दास,रामसिद्ध गुप्ता,ओमप्रकाश, श्यामबिहारी,भगेलू,सेवक,गिरधारी प्रसाद,नेबूलाल,रामसेवक, रामरेखा आदि ने बताया कि छुट्टा आवारा पशु और नीलगाय गांवों में एक साथ झुंड में निकलते हैं और जिस किसान के खेत में पहुंच जाते हैं वहां एक तिनका हरियाली नहीं बंचती। लोग खेतों के चारों तरफ कंटीले तारों का बाड़ लगा कर अपने खेतों की रक्षा कर रहे हैं। लेकिन नीलगाय छलांग लगा कर उन खेतों में भी पहुंच जाती हैं। किसानों ने बताया कि ठंडी बढ़ गई है और हमें पूरी रात जागकर टोली बनाकर खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। सरकार ने छुट्टा आवारा पशुओं के लिए पशु आश्रय स्थल बनवाए हैं लेकिन छुट्टा आवारा पशुओं को पकड़ कर उन्हें वहां तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी को भी नहीं दी गई है। किसानों के वश की बात नहीं है कि पशुओं को पकड़ कर उन्हें भेजें, तैयार हो रही हरी फसलों को बचाने में बड़ी परेशानी हो रही है।

गोरखपुर अनाज मंडी भाव 10 दिसम्बर

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क्या है दल परिवर्तन कानून