गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेण्ट प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ गोरखपुर विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बन्द कर नारेबाजी कर विरोध-प्रदर्शन किया गया। वरिष्ठ छात्र नेता योगेश प्रताप सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व मे भी गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ ऐसे उत्पीड़न का मामला सामने आते रहे है लेकिन प्रशासनिक स्तर से हर बार लीपापोती कर दी जाती रही है। इस बार लड़ाई आर पार की होगी। और धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता सुशान्त शर्मा और अंकित वर्मा ने सयुक्त रूप से कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए भय का माहौल बन चुका है। अभी एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आयी है। स्नातक की एक छात्रा ने अपने विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर यौन व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ ही कुलपति से ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है। इस घटना में एक अस्सिटेंट प्रोफेसर द्वारा स्नातक की छात्रा को परीक्षा में पास करने का लालच देकर उसका यौन शोषण करने का प्रयास किया गया और छात्रा के मना करने पर उसको परीक्षा में फेल करने और जीवन बर्बाद करने की धमकी दिया। विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा को परीक्षा में फेल करने, जीवन बर्बाद करने, यौन शोषण और मुँह बन्द रखने की धमकी देना निन्दनीय है गोरखपुर विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की यह कोई पहली घटना नहीं है। ऐसी शर्मनाक घटनाएँ गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रतिदिन दिन होती है। पिछले वर्ष जुलाई में भी एक विभागाध्यक्ष पर भी गम्भीर आरोप लगे थे जिसकी शिकायत ऑडियो रिकॉर्डिंग और फोटो के साथ की गयी थी। लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। छात्र नेता सुशान्त शर्मा और अंकित वर्मा इस शर्मनाक घटना पर खेद प्रकट किया और माँग करते है की 1. आरोपी शिक्षक को तत्काल निलंबित किया जाय और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाये। ऐसे मामलों को संज्ञान में आते ही उनको गम्भीरता से लिया जाये और अविलम्ब जाँच-पड़ताल पूरी करके आरोपी को कठोरतम दण्ड मिले। विश्वविद्यालय परिसर में आये दिन छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न की घटनाएँ हो रही हैं। इसके लिए कमेटी गठित किया जाय, इसे जाँच व कार्रवाई की शक्ति दी जाय, इसकी एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर सभी छात्र-छात्रओं को इससे अवगत कराया जाय। अगर ऐसा नहीं होता है तो छात्र नेता उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे ।इस दौरान विशाल सिंह श्रीनेत,रवि पाण्डेय, सत्यम यादव, सतीश प्रजापति,अजय राव,आनंद वर्मा,अमन त्रिपाठी,शुभम शर्मा,आशीष पाण्डेय,सत्यम सिंह,श्याम मोहन चौरसिया,आशीष पाण्डेय,सत्यम शुक्ला, रितेश यादव आदि मौजूद रहे ।