दनियावा-शेखपुरा रेल लाइन बिछाने के कार्य में बरबीघा अंचल के नारायणपुर मौजा के किसानों को भूमि के बदले सरकारी उचित मुआवजा न मिलने का विरोध जारी है। एक तरफ प्रशासन द्वारा जहां किसानों के भूमि का मुआवजा देने में लापरवाही की जा रही है। मंगलवार को भी लगातार चौथे दिन नारायणपुर में चल रहे रेलवे कार्य के विरोध में चार दिन से किसान समियाना तंबू लगाकर शांतिपूर्वक दिन रात धरने पर बैठे हैं। इस कपकपाती ठंड में जहां आम लोग शाम ढलने से पहले अपने घरों में दुबके जा रहे हैं। वहीं ठिठुरन भरे रात में भी किसान के अलावा सेवन कर धरने पर डटे हुए हैं। दिन हो या रात मुआवजे को लेकर आंदोलन कर रहे महिला, पुरुष और बुजुर्ग किसानों के हौसले को देख प्रशासन का हौसला धीरे-धीरे टूटता दिख रहा है। कुछ दिन पूर्व किसानों से बातचीत करने पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा पहुंचे थे। जहां उन्होंने किसानों को समझाने का भी प्रयास किया। लेकिन किसान बिना सही मुआवजे के धरने से हटने को तैयार नहीं हुए। अब धरने पर बैठे बुजुर्ग किसान दरोगी महतो, शिव दानी महतो, राजेंद्र प्रसाद, सुरेश पंडित सहित कई महिला किसानों ने बताया की प्रशासन द्वारा बीच-बीच में डराने धमकाने का भी प्रयास किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन के आदेश पर मंगलवार दोपहर को वहां से चलंत शौचालय हटा लिया गया। बाद में अधिकारियों द्वारा लाठी-डंडे से पीटने की स्थिति बनाते हुए डराया धमकाया गया। किसानों ने कहा कि लोकतंत्र में शांति पूर्वक धरने के बावजूद अगर प्रशासन द्वारा सख्ती की गई तो वह लोग आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इधर रेलवे के द्वारा अधिगृहीत भूमि के आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों को भी हड़काया जा रहा है। उनके खेतों में लगे फसलों को नुकसान हो रहा है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।