चेवाड़ा नगर पंचायत में अक्षय नवमी का व्रत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.गौरतलब है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी के दिन श्रद्धालु कुमारी कन्या व महिलाओं ने स्नान ध्यान कर आँवले की वृक्ष की पूजा अर्चना कि जा रही. इस अवसर पर आंवले के वृक्ष के नीचे महिलाओं ने भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ की साथ ही लाल धागे को आंवले की वृक्ष में लपेटकर 108 वार परिक्रमा किया. उसके बाद कुमारी कन्या व सुहागिन महिलाओं ने ब्राह्मणों को कुष्मांड (भुआ) ,अन्न,फल, वस्त्र दान दिया.इस मौके पर आचार्य कैलाश पांडे ने बताया कि अक्षय नवमी इस बार दो बार मनाया जा रहा है मंगलवार को भी तथा बुधवार को भी उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने कुष्मांडक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्मांड की उत्पत्ति हुई. कुष्मांड का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर ग्रहण करने की भी परंपरा है .मुख्य रूप से यहां प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाया गया. इसके बाद प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं के बीच खीर बांटा गया . इस दिन व्रत के पुण्य से सुख, शांति, सद्भाव और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.