अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

किशनपुर प्रखंड परिसर में नियोजित शिक्षकों ने बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले विशिष्ट शिक्षा नियमावली के तहत सक्षमता परीक्षा के विरुद्ध में गठित विभागीय समिति बैठक की कार्यवाही की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रखंड अध्यक्ष राकेश रंजन ने कहा कि शिक्षक नियोजन नियमावली के अनुसार 60 वर्ष के उम्र तक नियोजित शिक्षकों के नौकरी में बने रहने का प्रविधान है। सरकार का यह फैसला शिक्षक हित में नहीं है। यह फैसला शिक्षक नियोजन नियमावली के विपरीत है। नियोजित शिक्षकों को अलग-अलग फैसलों के तहत प्रताड़ित किया जा रहा है। कहा कि सरकार का यह फरमान कहीं से भी उचित नहीं है। अगर नियोजित शिक्षक असक्षम हैं तो इतने वर्षों से काम क्यों लिया जा रहा था। यदि नियोजित शिक्षक अक्षम हैं तो इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे पढ़कर मैट्रिक, इंटर और आगे की पढ़ाई कैसे कर रहे हैं। कहा कि सरकार उन सभी की उचित मांगों को मानने की बजाय सेवामुक्त करने की बात करती है जो मानवीय मूल्यों के विपरीत और संविधान का उल्लंघन है। कहा कि नियमावली में कई त्रुटियां हैं जिसका निवारण करना शिक्षा विभाग का दायित्व है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विशिष्ट शिक्षक नियमावली का हर स्तर पर विरोध करना है। कहा कि कोई भी नियोजित शिक्षक आवेदन न करें संघ आश्वस्त करती है कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी। चाहे संघर्ष कितना भी बड़ा करना पड़े। कहा कि सरकार के इस फैसले का राज्य भर के शिक्षक विरोध कर रहे हैं और हम अपनी चट्टानी एकता के बल पर सरकार को ऐसे आदेश को वापस लेने के लिए बाध्य कर देंगे। शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सक्षमता परीक्षा से संबंधित संशोधित नियमावली को जलाया। मौके पर शिक्षकों में नीतू कुमारी, सरिता कुमारी, रंजना राय, प्रीति कुमारी, भूपेंद्र कुमार, रामधारी शर्मा, पवन कुमार, अंजार आलम, तबस्सुम आरा, दुर्गेश कुमार, सोनित कुमार, महावीर प्रसाद, सोनित कुमार, प्रदीप कुमार, रविन्द्र कुमार सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के योगदान के साथ ही सरकारी विद्यालयों में काफी बदलाव दिखाई देने लगा। बदलाव जारी है लेकिन सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई विद्यालयों में अभी भी सुधार की जरूरत है। ऐसे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के नामांकन के अनुपात में छे बच्चे स्कूल से पार रहते हैं। यानी आधे बच्चे स्कूल नहीं आते जिसके चलते मिड डे मील में खाना पूरी होती है। प्रखंड के मदरसुल बनात छिटही मे मंगलवार के दिन 403 नामांकन में से मात्र 210 छात्र उपस्थित पाए गए। विद्यालय के शिक्षकों का कहना था कि छे बच्चे स्कूल नहीं आए। किस कारण से आगे बच्चे स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं इसका कोई जवाब शिक्षकों के पास नहीं था। अगल-बगल के कुछ अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं में से कभी डेढ़ तो कभी दोगुना उपस्थिति अधिक दिखाई जाती है। ऐसे अभिभावकों का कहना था कि शिक्षा में सुधार का मतलब छात्र-छात्राओं की कम से कम 90% उपस्थित हो और सभी को समान रूप से पढ़ाया जाए तब माना जाना चाहिए। ऐसा नहीं की कुछ ही छात्र-छात्र उपस्थित हुए और उसी को आधार बनाकर रिपोर्ट दी जाए।

बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले सुपौल प्रखंड के सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों ने सुपौल बीआरसी में नियमावली की प्रति जलाकर विरोध प्रकट किया। बिहार राज्य शिक्षक संघ के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया शिक्षक ने कहा कि सरकार उन सभी के उचित मांगों को मानने के बजाय प्रताड़ित करने सेवा मुक्त करने की बात करती है जो मानवीय मूल्यों के विपरीत और संविधान का उल्लंघन है।कहा कि नियमावली में कई त्रुटियां हैं जिसका निवारण करना शिक्षा विभाग का दायित्व है।

बिहार सरकार द्वारा साक्षमता परीक्षा नियमावली में संशोधन किए जाने के खिलाफ रायगढ़ भपटियाही प्रखंड के कई शिक्षकों ने सोमवार को प्रखंड कार्यालय गेट पर पहुंचकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों का कहना था कि सरकार उन सब के साथ बार-बार सौतेला व्यवहार कर रही है और सक्षमता परीक्षा के नाम पर मानसिक रूप से प्रसारित करने में लगी है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष पंकज कुमार जायसवाल के उपस्थिति में प्रखंड अध्यक्ष देवनारायण रंजन सत्येंद्र कुमार अशोक कुमार मेहता आदि ने कहा कि वह सब बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर चले प्रखंड इकाई सरायगढ़ भारतीय ही के सभी शिक्षक ऐसे नियमावली का विरोध कर रहे हैं। कहां की सिनेमा बिल्ली का पूरे बिहार के शिक्षक विरोध कर रहे हैं और वह सभी अपने चट्टानी एकता के बाल सरकार को ऐसी बात आदेश को वापस लेने पर बाध्य कर देंगे।

सरायगढ़ भपतियाही में स्कूल में कुछ नही है सुविधा। अभी भी जमिन होती है पढ़ाई। नही है सौचालय जिस कारण बच्चे स्कूल में नही रहते है

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

प्रतापगंज प्रखंड में बीडीओ का कार्यकाल महज 7 माह का रहा। उन्होंने कम समय में अपने कार्यों से जीता शिक्षकों का दिल।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2024 (मंगलवार) को सभी संकायाध्यक्षों एवं विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों की बैठक संपन्न हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय का मूल परिसर प्रशासनिक परिसर और नया परिसर शैक्षणिक परिसर कहलाएगा। प्रशासनिक परिसर में सभी कार्यालय रहेंगे और शैक्षणिक परिसर में विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों का संचालन होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रशासनिक परिसर में संचालित हो रहे केंद्रीय पुस्तकालय तथा शिक्षाशास्त्र विभाग तथा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग को अविलंब शैक्षणिक परिसर में हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यूएमआईएस कंपनी से अब तक किए गए नामांकन, पंजीयन एवं परीक्षाफल सहित सभी कार्यों का डेटा हार्ड कापी एवं एक्सेल में लिया जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नैक के नाम पर पैसे की बर्बादी नहीं की जाएगी। पहले विगत पांच वर्षों का डेटा जमा किया जाएगा और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा। आवश्यक तैयारियों के बाद ही नैक का एसएसआर अपलोड कराया जाएगा। कुलपति ने राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से दिए गए निदेशों का ससमय अनुपालन सुनिश्चित करने के निदेश दिए। उन्होंने कहा कि वे नियम संगत कार्यों में पूरी मदद करेंगे, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. नवीन कुमार, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, परीक्षा नियंत्रक शशिभूषण, एवं उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव और विभिन्न विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।