निर्मली(सुपौल) : अनुमंडल मुख्यालय स्थित तीन परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियों का बुधवार को अधिकारियों ने जायजा लिया। इस दौरान एसडीपीओ राजू रंजन कुमार, डीसीएलआर साहेब रसूल, सर्किल इंस्पेक्टर के के मांझी,बीईओ मधुसुधन प्रसाद सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने उच्च विद्यालय निर्मली, एचपीएस कॉलेज निर्मली व कन्या मध्य विद्यालय निर्मली परीक्षा केन्द्र का जायजा लिया और कई दिशा- निर्देश दिये। डीसीएलआर श्री रसूल ने बताया कि अनुमंडल मुख्यालय स्थित तीन परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट परीक्षा की सारी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। बताया कि उच्च विद्यालय निर्मली को मॉडल परीक्षा केन्द्र घोषित किया गया है। परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों को परीक्षा देने में कोई परेशानी न हो। इसके लिए उच्च विद्यालय निर्मली, एचपीएस कॉलेज निर्मली , कन्या मध्य विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर बेंच-डेस्क की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था का जायजा लिया गया है। कहा कि कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजन को लेकर प्रशासन प्रतिबद्ध है और इसके लिए सीसीटीवी से निगरानी की जायेगी। साथ ही स्टेटिक दंडाधिकारी की भी तैनाती की जायेगी। बताया कि सभी केन्द्राधीक्षकों को शांतिपूर्ण माहौल में कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजन हेतु निदेशित किया गया है। इसमें गडबड़ी करने वाले केन्द्राधीक्षक व वीक्षकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। मौके पर केंद्राधीक्षक संजय कुमार ,प्रमोद कुमार विश्वास, त्रिपुरारी शरण सहित वीक्षक उपस्थित थे।

छात्र राजद के प्रदेश महासचिव निखिल यादव एवं अमृत कुमार अमरकांत के नेतृत्व में छात्र राजद ने बी एन मंडल यूनिवर्सिटी के नवनियुक्त कुलपति प्रो बिमलेंदु शेखर झा को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया। अमृत कुमार अमरकांत ने कहा कि आपके योगदान से यहां के छात्रों को काफी उम्मीद है। सत्र को पटरी पर लाना, भ्रष्टाचार को खत्म करना एवं छात्र संघ चुनाव कराना सर्वोच्च प्राथमिकता में होगा। इस मौके पर एक मांग पत्र भी सौंपा गया।

बिहार राज्य के जिला सुपौल से हमारे श्रोता, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि गुरमैता प्राथमिक सह मध्य संस्कृत विद्यालय भपटियाही के छात्र-छात्राओं को पढ़ने में काफी कठिनाई होती है। विद्यालय में एक भवन है जिसमें दो कमरा है।विद्यालय में शौचालय का सुविधा नहीं है , जिसके कारण बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं जाना चाहते है।

जिला पदाधिकारी सुपौल ने शनिवार को उच्च माध्यमिक विद्यालय भपटियाही के प्रांगण में बना रहे साइंस पार्क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय प्रधान सुधीर कुमार यादव से कहा कि एक सप्ताह के अंदर साइंस पार्क का निर्माण कार्य पूरा कर ले ताकि छात्र-छात्राओं को उसका लाभ मिलने लगे। उन्होंने कहा कि साइंस पार्क छात्र-छात्राओं को नई दुनिया से जोड़ने में सहायक होगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि आज के समय में जहां विज्ञान काफी आगे बढ़ गया है वैसे समय में साइंस पार्क छात्र-छात्राओं के पढ़ाई में गति लेगा और वह प्रतिदिन नए-नए चीजों से अवगत होंगे। जिला पदाधिकारी ने कहा कि उच्च माध्यमिक विद्यालय में बना रहे साइंस पार्क काफी उद्देश्य परक होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 45 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में साइंस पार्क का निर्माण शुरू कराया गया है।

सदर प्रखंड अंतर्गत लौकहा पंचायत के लौकहा बाजार स्थित मध्य विद्यालय परिसर में जिलाधिकारी कौशल कुमार ने शिक्षा संवाद में भाग लिया। शिक्षा संवाद में स्कूली बच्चों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में अभिभावकों और छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसका लाभ लेकर बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। गरीबी पढ़ाई में बाधा नहीं हो सकती है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना चलाई जा रही है। इससे मेधावी छात्र उच्च शिक्षा पा सकते हैं। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भारी संख्या में शिक्षकों की भर्ती कर रही है। कल्याणकारी योजनाएं जैसे पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना, कन्या उत्थान योजना, स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाएं, लड़की को पढ़ाना है। महिलाएं पढ़ेगी तो देश आगे बढ़ेगा। स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड से मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढाई कर सकते हैं जिस क्षेत्र में पढ़ना चाहते हैं उस क्षेत्र में पढ़ सकते हैं। शिक्षा वह हथियार है जिससे बड़ा कोई अस्त्र-शस्त्र नहीं है। रोजगार करना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री उद्यम योजना से कर सकते हैं। सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था काफी सुदृढ हो चुकी है। छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। शिक्षक भी समय से विद्यालय आ रहे हैं बच्चे भी पहले से अधिक आने लगे हैं। बाल विवाह पर जिलाधिकारी ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र में लड़की की शादी करना कानूनी अपराध है। शिकायत मिलने पर कानूनी कार्यवाही भी हुई है। उन्होंने छात्रों से भी कहा कि कम उम्र शादी का आपलोग विरोध भी करिये। कम उम्र में शादी करने से लड़कियों की शरीर सही तरह से विकसित नहीं हो पाता है तथा कई तरह के गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्योति गामी, डीपीओ स्थापना राहुलचंद्र चौधरी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी दुर्गेश कुमार, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी विवेकानंद, बीपीएम चंदन कुमार, मुखिया सबरी देवी, विद्यालय प्रधान राकेश भारती, संतोष कुमार चौधरी, सुरेन्द्र चौधरी आदि शिक्षक व अभिभावक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

प्रखंड क्षेत्र की कटहरा-कदमपुरा पंचायत के उत्क्रमित उर्दू उच्च माध्यमिक विद्यालय कदमपुरा में शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन प्रधानाध्यापक सत्यनारायण मंडल की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बीडीओ राजकुमार चौधरी, आरओ रविकांत एवं सीडीपीओ रंजना कुमारी मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधानाध्यापक ने विद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां के सभी बच्चों को नियमानुकूल सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ता बिहार को प्रदर्शित करने वाला शिक्षा संवाद कार्यक्रम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए की गई अच्छी पहल है। बिहार सरकार ने पढ़ेगा बिहार तो बढ़ेगा बिहार को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के सभी आयामों पर ध्यान दिया है। बीडीओ एवं आरओ रविकांत ने कहा कि शैक्षणिक प्रोत्साहन के लिए सरकार ने पहल करते हुए मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालक साइकिल योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, उन्नयन बिहार, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मिशन दक्ष, टोला सेवक, तालिमी मरकज, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, प्री मैट्रिक स्कालरशिप, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन मेधावृत्ति योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि चलाई जा रही है। अभिभावक को भी जागरूक होने की जरूरत है। बच्चों को यूनिफार्म में स्कूल भेजें। क्योंकि स्कूल की पोशाक बच्चों की शान है। पढ़ाई में छात्र के साथ साथ उनके अभिभावकों को भी तपस्या करनी पड़ती है। सभी अभिभावक कम से कम शाम का समय बच्चों के साथ बितावें। अधिकारियों ने बच्चों संग भी संवाद किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र, छात्रा, अभिभावक के साथ बीपीएम मनीष कुमार के अलावा शिक्षक अंजना कुमारी, नरेंद्र कुमार निर्मल, रौशन कुमार, रिंकू कुमारी, मुमताज आलम, वैद्यनाथ कुमार साह सहित अन्य उपस्थित थे।  

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी पश्चिम चौघारा पंचायत के मोतीलाल-कुसुमलता उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में शिक्षा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी विवेकानंद सत्यार्थी, डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी व मत्स्य प्रसार पदाधिकारी दुर्गेश कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की गई। कार्यक्रम में अभिभावक व स्कूली छात्रों से संवाद किया गया। साथ ही डीपीओ द्वारा छात्रों के लिए सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी छात्रों एवं अभिभावकों को दी गई। पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना, कन्या उत्थान योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी विस्तृत रूप से दी गई। पदाधिकारियों ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि आप अपने बच्चों को रोजाना विद्यालय भेजें। कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि बच्चे और बच्चियां पढ़े और आगे बढ़े। इस विद्यालय में कुल 715 छात्रों के संख्या है। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य बिनोद कुमार, शिक्षक प्रमोद कुमार सूरज, मुस्तकीम आलम सहित अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

छात्रों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप सेल, सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय के द्वारा गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा. अच्युतानन्द मिश्रा ने किया। उन्होंने बदलती तकनीक और स्टार्टअप के महत्व को समझाया। इसी बीच छात्रों ने बढ़ चढ़कर अपने स्टार्टअप के बारे में बताया। बदलते समय में नवाचार के माध्यम से नई समस्याओं एवं उसके समाधान को आगे लाया जा सकता है। ये युवाओं के माध्यम से समाज के विकास और उनके ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान बनेगा। उन्होंने इस शानदार आयोजन के लिए मुख्य अतिथि को धन्यवाद दिया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रिंस शुभम, शिवम कुमार एवं गंधर्व वत्स ने अपने स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी एवं छात्रों को उनके स्टार्टअप पर मदद करने का आश्वासन दिया। कहा कि आज सरकार युवाओं की सोच एवं नवाचार को बढ़ाने के लिए कई योजना चला रही है, जिसका लाभ युवाओं को लेना चाहिए। इन्होंने उद्यमिता से जुड़े कई आयामों पर चर्चा की और उद्यमिता को देश की जरुरत बताया। प्रो शादाब आज़म सिद्दीकी, फैकल्टी इंचार्ज, स्टार्टअप सेल ने उन्हें प्रेरित किया। स्टार्टअप को-आर्डिनेटर प्रदीप कुमार ने बिहार स्टार्टअप पालिसी 2022 के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में छात्र प्रतिनिधि आज़ाद आर्यन एवं रविरंजन वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?