नगर पंचायत निर्मली के सफाई कर्मी सोमवार की शाम हड़ताल समाप्त कर अपने काम पर लौटे है।मालूम हो की बीते पांच दिनों से सफाई कर्मी वेतन भुगतान सहित ईपीएफ को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।लिहाजा शहर में साफ सफाई व्यस्था ठप रहा।हालांकि हड़ताल पर लौटे सफाई कर्मियों को काम पर लौटने हेतु बीते चार दिनों से एनजीओ सहित स्थानीय प्रतिनिधि ने अनुरोध भी किया था लेकिन हड़ताल कर्मी काम पर नहीं लौटे,हालंकि आज शाम नगर पंचायत निर्मली के कार्यपालक पदाधिकारी शशिकांत कुमार के पहल पर सफाई कर्मी काम पर लौटे है।इस बावत नगर पंचायत के ईओ ने कहा कि सफाई कर्मियों का डिमांड पूरा कर दिया गया है।ईपीएफ सहित भुगतान जैसी समस्याओं का निदान हो चुका है,जिसके बाद सफाई कर्मी काम पर लौट चुके है। ईओ ने कहा कि साफ सफाई को लेकर इस प्रकार की समस्या अब आगे से उत्पन्न नही होगा,इसके लिए नगर पंचायत प्रशासन ठोस कदम उठा रहे है।

कल देश नव दिवाली मनाने जा रहे है,लिहाजा लोगो की तैयारी जोर शोर पर है।लोग अपने घर आंगन सहित मंदिरो की साफ सफाई में जुटे है।लेकिन इस ऐतिहासिक पल में भी बिहार के सुपौल के नगर पंचायत निर्मली का हाल नारकीय है।यहां बीते तीन चार दिनों से साफ सफाई व्यवस्था ठप है।लिहाजा पूरे शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है।जिसका कारण है सफाई कर्मियों का हड़ताल पर जाना। दरसल इन दिनों नगर पंचायत के सफाई कर्मी समय से वेतन और ईपीएफ नही मिलने को लेकर हड़ताल पर हैं।सफाई कर्मियों का कहना है कि हमलोगों को ईपीएफ के नाम पर गुमराह कर लूट खसोट किया जा रहा है। हालंकि इस बीच आज यानी कि रविवार को नगर पंचायत के अधीन एनजीओ के मैनेजर सहित अन्य सफाई कर्मी को मानने पहुंचे लेकिन सफाई कर्मी हड़ताल से नही लौटे..इधर मौके पर उपस्थित एनजीओ और हड़ताल कर्मी जब कैमरे के आमने सामने हुआ तब एक चौकने वाला खुलासा हुआ। एनजीओ के मैनेजर के अनुसार उनके कंपनी में 110 सफाई कर्मी पंजीकृत है,जबकि धरातल पर मात्र 70-75 ही सफाई कर्मी है। तो अब जरा आप खुद ही सुनिए आरोप प्रत्यारोप में किस प्रकार घोटाले की पोल खुली है...

भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में स्टेशन चौक पर अवस्थित नर्मदेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में शनिवार को सफाई अभियान चलाया गया। 21 और 22 जनवरी को अष्टयाम, महाप्रसाद एवं आतिशबाजी और दीपोत्सव कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा। जानकारी दी गई कि 22 जनवरी की शाम जागरण का भी आयोजन किया जाएगा। सफाई कार्यक्रम का नेतृत्व भाजपा जिला महामंत्री कुणाल ठाकुर कर रहे थे। मौके पर जिला मंत्री महेश देव, नगर अध्यक्ष राहुल झा, नगर महामंत्री रानू, आंबेडकर संस्थान के सचिव चंदन पासवान, प्रकाश राम, वीरेंद्र पासवान, संतोष मरीक, राजेश मंडल, आशीष मिश्रा, दीपक मंडल ,मनीष चौधरी, नारद पासवान आदि मौजूद रहे।

स्वच्छ भारत मिशन -ग्रामीण /लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के चयनित कुल 40 पंचायत के स्वच्छता पर्यवेक्षक का दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन का आयोजन जिला जल एवं स्वच्छता समिति,सुपौल के द्वारा किया गया। जिसका शुभारंभ निदेशक डीआरडीए ऋषभ के द्बारा किया गया। प्रशिक्षण के बाद संबंधित स्वच्छता पर्यवेक्षक के द्वारा प्रशिक्षण उपरांत अपने अपने पंचायतों में किये जा रहे ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन और बेहतर तरीके से कर पाएंगे।

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा देश के सभी मठ, मंदिर, तीर्थ स्थल में स्वच्छता अभियान चलाने का आह्वान किया था। इसी कड़ी में नगर परिषद सुपौल वार्ड नंबर 19 अंतर्गत भेलाही बाबा तारेश्वर शिव मंदिर में भाजपा किसान मोर्चा सुपौल नगर के द्वारा नगर मंडल अध्यक्ष गौरीशंकर मंडल के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया। इसमें भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष नलिन जायसवाल ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर 22 तारीख तक हम सभी को अपने आसपास के मठ मंदिर, तीर्थ स्थल की सफाई पूर्ण करेंगे जिससे कि 22 जनवरी को जब लोग मंदिरों में जुटें तो उन्हें गंदगी से परेशानी ना झेलनी पड़े। सफाई अभियान में किसान मोर्चा सुपौल के जिला मीडिया प्रभारी संतोष महतो, नगर उपाध्यक्ष अजय कुमार लाल, सुमन कुमार झा, मुकेश कुमार ठाकुर उर्फ टिब्लू ठाकुर, अशर्फी यादव, राजू दास, शिव शंकर मंडल, राम कामत, योगेश्वर मंडल, रत्नेश्वर मंडल, नरेश कुमार, राजकुमार मरीक आदि शामिल हुए।

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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम से पहले एक हफ्ते तक देश के सभी मंदिरों में सफाई अभियान चलाने का आह्नान किया है। जिसके निमित्त सोमवार को भाजपा युवा मोर्चा सुपौल के द्वारा जिलाध्यक्ष जयंत मिश्रा के नेतृत्व में चकला निर्मली स्थित चैती दुर्गा मंदिर परिसर में सफाई अभियान चलाया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्नान पर आज से सफाई अभियान शुरू कर दी गई है। आज से लेकर 22 तारीख तक हम सभी को अपने आस-पड़ोस के मंदिरों की साफ सफाई पूर्ण कर लेनी है जिससे कि 22 जनवरी को जब लोग मंदिरों में जुटें तो उन्हें गंदगी से परेशानी नहीं झेलनी पड़े। सफाई अभियान में किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष नलिन जयसवाल, युवा मोर्चा के जिला कोषाध्यक्ष विशाल कुमार मिश्रा, केशव कुमार, राजेश कुमार, साकेत सिंह, आशुतोष कुमार झा, शशि भूषण, विकास सिंह, विनीत मिश्रा, तुषार पाराशर, रितेश मिश्रा, साकेत ठाकुर, अशोक ठाकुर, कुंदन कुमार, सत्यम कुमार आदि की सराहनीय भूमिका रही।

सुपौल नगर परिषद के द्वारा सफाई कर्मियों को कंबल देकर सम्मानित किया गया। नगर परिषद का मानना है कि सफाई में बिहार में नंबर वन का पुरस्कार इन्हीं सफाई कर्मियों की बदौलत मिला है। इस दौरान नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा, ईओ कृष्ण स्वरूप, सशक्त स्थाई समिति के सदस्य गगन ठाकुर, मनीष कुमार सिंह ने कंबल का वितरण किया। मुख्य पार्षद ने कहा कि सुपौल को गार्बेज फ्री सिटी में नंबर वन की उपाधि इन्हीं सफाई कर्मियों की बदौलत मिली है। कहा कि आशा है कि और तन-मन से सफाई कर्मी इस अभियान में जुटे रहेंगे और सुपौल को स्वच्छ और सुंदर बनाने के संकल्प में साथ देंगे। उन्होंने कहा कि सुपौल को आने वाले समय में और भी स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा। हाल में दिल्ली में पुरस्कार लेने के बाद प्रदर्शनी का अवलोकन करने पर पता चला कि स्वच्छता को लेकर विज्ञान बहुत विकास कर चुका है। आने वाले समय में शहर के विभिन्न हिस्सों में ई-टायलेट लगाया जाएगा जो काफी कम जगह में लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। इस दौरान ईओ ने कहा कि नगर परिषद का मकसद है कि अगले वर्ष होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपौल नगर परिषद को स्टार 3 ग्रेड में शामिल हो।

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

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