निर्मली(सुपौल) : पौष पूर्णिमा को लेकर प्रखंड क्षेत्र के मझारी स्थित बाबा कोशिकीनाथ मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया है।जिसको लेकर बुधवार को 108 कन्याओं ने कलश शोभा यात्रा निकाला।बता दे कि कलश शोभा यात्रा यज्ञ समिति के अध्यक्ष के नेतृत्व में निकाला गया।कलश यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर डीजे-बाजा के साथ आस-पास के गांवों का भ्रमण करते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के सहारे मंदिर परिसर से लगभग 03 किलोमीटर दूर कोसी नदी पहुंचे।जहां वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए कलश में कोसी का पवित्र जल भरा गया।जिसके बाद कलश यात्रा पुन: मंदिर परिसर पहुंचे जहां सभी कन्या कलश के साथ मंदिर का परिक्रमा करते हुए यज्ञ भवन में कलश को स्थापित किया।इस बावत जानकारी देते हुए यज्ञ कमिटी के अध्यक्ष ने बताया कि बीते 38 वर्षो से बाबा कोशिकीनाथ मंदिर प्रांगण में यज्ञ हवन के साथ पौष पूर्णिमा मेला का आयोजन होता चला आ रहा है।लिहाजा इस वर्ष भी पौष पूर्णिमा के मौके पर मंदिर प्रांगण में हवन यज्ञ और मेले का आयोजन किया गया है।जिसको लेकर आज कलश शोभा यात्रा निकाली गई है।जिसमे कूल 108 कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया है।उन्होंने कहा कि आज से यज्ञ के आचार्य महान पंडित विद्यानंद शास्त्री के द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ कलश का स्थापना किया गया है।आज से अगले 09 दिनों तक यज्ञ हवन में आचार्य के द्वारा स्थापित कलश का पूजा अर्चना किया जाएगा।वही आगामी 25 जनवरी को स्थापित यज्ञ की पूर्णाहुति किया जाना है।आगे उन्होंने कहा कि आयोजित इस 09 दिवसीय यज्ञ में बाहर के संत महात्माओं के द्वारा प्रवचन,सत्संग,रामकथा की भी प्रस्तुति की जाएगी।साथ ही मेले का भी आयोजन किया गया है।जिसमें तरह-तरह की दुकानें सहित बच्चो के मनोरंजन हेतु झूले भी रहेंगे।

जिला मुख्यालय स्थित भेलाही में नवनिर्मित कृष्ण मंदिर में प्रतिमा स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा को लेकर करीब 501 कन्याओं द्वारा भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर पूरे गांव का भ्रमण किया। पंडित बिशो झा के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर परिसर में स्थित कुंआ से कलश में जल भरवाया गया। जिसके बाद नगर भ्रमण कर पुन: मंदिर परिसर में कलश स्थापित किया गया। कलश शोभायात्रा में गाजे-बाजे के साथ शामिल कन्याओं ने कोशी कॉलोनी, ठाकुरबाड़ी, सुपौल-सहरसा रोड होते हुए विभिन्न सड़क सहित अन्य जगहों का भ्रमण कर पुन: मंदिर परिसर पहुंचा। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष बालमुकुंद यादव, सचिव राजेंद्र कामत व कोषाध्यक्ष बबलू कामत ने संयुक्त रूप से बताया कि मंदिर में कलश स्थापना के बाद दो दिनों तक भजन-कीर्तन व अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसके बाद 18 जनवरी को विद्वान पंडितों द्वारा प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा किया जायेगा। इधर कलश यात्रा में शामिल युवाओं की भीड़ पूरे उत्साह के साथ जयकारा लगाते चल रहे थे। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मूर्तिदाता अनंत कुमार झा व सुदर्शन झा हैं। जिनके द्वारा पूजा-अर्चना की रश्म अदा की जा रही है। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पंडितों ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। कहा कि कलश में सारे देवता विराजमान होते हैं और कलश को महिलाओं के सिर पर रखकर भ्रमण करने से धरा सिद्ध होती है। जो कलश को धारण करता है, उसकी आत्मा भी पवित्र हो जाती है, इसीलिए कलश यात्रा निकाली जाती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में योगेंद्र यादव, प्रमोद झा, शिवशंकर कामत, मनटुन कामत, महेश्वर कामत सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुटे हुए हैं।

जिला मुख्यालय स्थित भेलाही में सोमवार को नवनिर्मित कृष्ण मंदिर में प्रतिमा स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा को लेकर करीब 501 कन्याओं द्वारा भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर पूरे गांव का भ्रमण किया। पंडित बिशो झा के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर परिसर में स्थित कुंआ से कलश में जल भरवाया गया। जिसके बाद नगर भ्रमण कर पुन: मंदिर परिसर में कलश स्थापित किया गया। कलश शोभायात्रा में गाजे-बाजे के साथ शामिल कन्याओं ने कोशी कॉलोनी, ठाकुरबाड़ी, सुपौल-सहरसा रोड होते हुए विभिन्न सड़क सहित अन्य जगहों का भ्रमण कर पुन: मंदिर परिसर पहुंचा। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष बालमुकुंद यादव, सचिव राजेंद्र कामत व कोषाध्यक्ष बबलू कामत ने संयुक्त रूप से बताया कि मंदिर में कलश स्थापना के बाद दो दिनों तक भजन-कीर्तन व अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसके बाद 18 जनवरी को विद्वान पंडितों द्वारा प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा किया जायेगा। इधर कलश यात्रा में शामिल युवाओं की भीड़ पूरे उत्साह के साथ जयकारा लगाते चल रहे थे। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मूर्तिदाता अनंत कुमार झा व सुदर्शन झा हैं। जिनके द्वारा पूजा-अर्चना की रश्म अदा की जा रही है। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पंडितों ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। कहा कि कलश में सारे देवता विराजमान होते हैं और कलश को महिलाओं के सिर पर रखकर भ्रमण करने से धरा सिद्ध होती है। जो कलश को धारण करता है, उसकी आत्मा भी पवित्र हो जाती है, इसीलिए कलश यात्रा निकाली जाती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में योगेंद्र यादव, प्रमोद झा, शिवशंकर कामत, मनटुन कामत, महेश्वर कामत सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुटे हुए हैं।

प्रखंड क्षेत्र स्थित हररी पंचायत के बोद्रियाही गांव में शिव लिंग,कार्तिक,गणेश सहित आधा दर्जन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रविवार को बोद्रियाही गांव स्थित डिहवार बाबा प्रांगण से एक झांकी निकाली गई।झांकी में राधा,कृष्ण,शंकर पार्वती आदि का झांकी निकाल कर पांच गांव घुमाया गया। संत देबू दास के अगुआई मे झांकी बोदराही गांव के डिहवार बाबा स्थान ने निकलकर आसपास के पांच गांव घुमाकर पुनः डीहबाबा स्थान लाया गया । मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को कराया जाएगा। इनके प्राण प्रतिष्ठा के लोग गाथा भगैत का आयोजन किया जाएगा साथ ही 151 कुंवारी कन्याओं का भंडारा का आयोजन किया जाएगा।इस दौरान गांव सैकड़ों महिला पुरुष बच्चे डीजे ,आजा बजा के साथ नाचते गाते झूमते हुए झांकी का शोभा बढ़ा रहे रहे। मौके पर मुखिया कविता देवी,पुरुषोत्तम यादव,उमेश प्रसाद यादव,सहित समस्त ग्रामीण मौजूद थे।

सुपौल जिले के मरौना प्रखंड क्षेत्र स्थित हररी पंचायत के बोदराही गांव में शिव लिंग,कार्तिक,गणेश सहित आधा दर्जन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रविवार को गांव स्थित डिहवार बाबा प्रांगण से एक झांकी निकाली गई। झांकी में राधा,कृष्ण,शंकर पार्वती आदि का झांकी निकाल कर पांच गांव घुमाया गया। संत देबू दास के अगुआई मे झांकी बोदराही गांव के डिहवार बाबा स्थान ने निकलकर आसपास के पांच गांव घुमाकर पुनः डीहबाबा स्थान लाया गया । मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को कराया जाएगा। इनके प्राण प्रतिष्ठा के लोग गाथा भगैत का आयोजन किया जाएगा साथ ही 151 कुंवारी कन्याओं का भंडारा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान गांव सैकड़ों महिला पुरुष बच्चे डीजे ,आजा बजा के साथ नाचते गाते झूमते हुए झांकी का शोभा बढ़ा रहे रहे। मौके पर मुखिया कविता देवी,पुरुषोत्तम यादव,उमेश प्रसाद यादव,सहित समस्त ग्रामीण मौजूद थे।