सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

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सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवचंद मुखिया टोला सदानंदपूर में बुधवार को फाइलेरिया का टेबलेट खाने से दो दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ भपटियाही में कराया गया। विद्यालय में 220 से अधिक बच्चों को फैलरियर का टेबलेट खिलाया गया था जिसमें से 24 से अधिक बच्चे ने उल्टी तथा पेट दर्द होने की शिकायत की। बच्चों के बीमार होने की खबर सुनकर कई अभिभावक विद्यालय प्रांगण में पहुंच गए और चिंता व्यक्त करने लगे। विद्यालय प्रधान उपेंद्र कुमार ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को इस बात की जानकारी दी और उसके बाद अस्पताल का एंबुलेंस विद्यालय प्रांगण में पहुंचा तथा बीमार बच्चों को अस्पताल तक लाया। अस्पताल में डॉक्टर के द्वारा उपचार होने के बाद बच्चों को गांव भेजा गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रामनिवास प्रसाद ने बताया कि ऐसा कभी-कभी हो जाता है कि फाइलेरिया और एल्बेंडाजोल टेबलेट खाने के बाद कुछ बच्चों में असर देखा जाता है। विद्यालय में बच्चों को बीमार होते थे खाने बच्चे भी परेशान हो गए थे।

राघोपुर थाना क्षेत्र के सिमराही बाजार एनएच 57 पर मंगलवार की रात एक अनियंत्रित कार की ठोकर से एक अधेड़ की इलाज के क्रम में मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। बताया जाता है कि सरायगढ़ भपटियाही की और से आ रहे एक तेज रफ्तार कार बीआर 50 जे 2030 चालक अचानक सिमराही बाजार में अपना नियंत्रण खो दिया। जिस कारण सड़क पार कर रहे दरभंगा जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के मट्ठराही वार्ड 11 निवासी अमल मंडल (50) और उत्तर प्रदेश के बलिया थाना क्षेत्र निवासी मुन्द्रिका प्रसाद गंभीर को जोरदार ठोकर मार दिया। ठोकर की आवाज सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने गंभीर रूप से घायल अमल मंडल और मुन्द्रिका प्रसाद को इलाज के लिए राघोपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने अमल मंडल को मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरा घायल मुंद्रिका का प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। घटना के बाद मौके से कार चालक फरार बताया जाता है। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। प्रभारी थानाध्यक्ष रितिका कुमारी ने बताया कि जांच पड़ताल की जा रही है। आवेदन अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिपरा थाना क्षेत्र के 106 पिपरा-सिंघेश्वर मार्ग में श्यामनगर सायफन के समीप पिकअप ने एक बाइक सवार को ठोकर मार दिया। जिससे बाइक सवार की सड़क पर ही दर्दनाक मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार मृत युवक रौशन कुमार रामपुर पंचायत के वार्ड 10 निवासी वासुदेव यादव का पुत्र था। बताया गया कि रौशन किसी काम से पिपरा बाजार की ओर जा रहे थे। इस बीच सायफन और श्याम नगर के बीच पिकअप ने बाइक सवार रौशन कुमार को ठोकर मार दिया। जिसमें बाइक सवार रौशन कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, घटना के बाद सड़क चल रहे राहगीरों ने घटना की जानकारी पिपरा पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पिकअप वाहन को बरामद कर पिपरा थाना लाया गया है। पिपरा पुलिस घटना की जांच में जुट गई है। इधर घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है।