बिहार लोकल बाडीज इम्प्लाइज फेडरेशन सुपौल के बैनर तले नगर परिषद सुपौल में चल रही हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई। समझौते के बाद नपकर्मी हड़ताल से वापस लौट गए। फेडरेशन के प्रदेश संगठन मंत्री मो. असजद आलम ने बताया कि बुधवार को मुख्य पार्षद द्वारा आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के उपरांत नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारियों की सुरक्षा का भरोसा दिया गया। संबंधित वार्ड पार्षद अजीत कुमार आर्य द्वारा भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की बात रखी गई। मुख्य पार्षद और बोर्ड के द्वारा सम्मानजनक समझौता होने के फलस्वरूप फेउरेशन द्वारा हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। ज्ञात हो कि नगर परिषद वार्ड नंबर छह के वार्ड पार्षद के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य कर्मियों को अपशब्द कहने, हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की धमकी एवं अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए नगर परिषद के सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। इस आशय का आवेदन कर्मियों ने मुख्य पार्षद को देते हुए हड़ताल पर जाने की जानकारी दी थी।

छातापुर प्रखंड उपप्रमुख पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। जानकारी देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी रीतेष कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत समिति सदस्य अशोक कुमार दास सहित अन्य पंसस के द्वारा प्रखंड प्रमुख को आवेदन देकर उप प्रमुख संजय कुमार के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। आवेदन के आलोक में प्रखंड प्रमुख आशिया देवी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर बुधवार को विशेष बैठक बुलाई गई थी। प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में 11 बजे तय सीमा से बैठक प्रारंभ हुई। तीन घंटे तक एक भी पंसस सदन नहीं पहुंचे। दो बजे अधिकारियों ने कोरम पूरा नहीं होने पर अविश्वास प्रस्ताव रद कर दिया। इसके बाद प्रखंड उपप्रमुख अपने समर्थकों के साथ प्रखंड कार्यालय परिसर पहुंचकर उपस्थित सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही एक दूसरे को माला पहनाकर जश्न मनाया। बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र के 33 पंचायत समिति सदस्य में से 11 पंचायत समिति सदस्यों ने 31 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित आवेदन सौंपकर चर्चा का आग्रह किया था। प्रखंड प्रमुख द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सात फरवरी को विशेष बैठक की तिथि निश्चित कर बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी से आवश्यक प्रक्रिया का अनुरोध किया गया था लेकिन पंचायत समिति सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण अविश्वास पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके साथ ही प्रखंड में 10 दिनों की राजनीतिक सरगर्मी शांत हो गयी।

अनुमंडल मुख्यालय अंतर्गत मवेशी हास्पिटल के प्रांगण में बुधवार को सर्वदलीय रेलवे संघर्ष समिति द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस जिला महामंत्री शत्रुघ्न प्रसाद चौधरी ने किया। इसकी अध्यक्षता के लिए माले जिला सचिव जयनारायण यादव को सर्वसम्मति से चुना गया। धरना में राजद, कांग्रेस, भाजपा, भाकपा माले, यूनाइटेड, रालोलपा, लोजपा, जाप एवं तमाम दल के नेता उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव ने कहा रेलवे भूमि अधिग्रहण के नाम पर त्रिवेणीगंज प्रखंड के तमाम किसानों को आज तक एक भी रुपया नहीं मिला। उल्टे प्रशासन के द्वारा सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगी गेहूं के फसल को बर्बाद कर दिया गया। किसानों के साथ ऐसे सौतेला व्यवहार का हम घोर निंदा करते हैं और पीड़ित किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ लड़ने का काम करेंगे। किसान नेता सुरेश कुमार यादव ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि आज से लगभग एक साल से हमलोग कोर्ट- कचहरी का चक्कर काट रहे हैं परंतु पदाधिकारी उल्टे हमलोगों को डांट फटकार लगाकर भेज देते हैं। भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप कुमार मुन्ना सिंह ने कहा कि आज त्रिवेणीगंज प्रखंड अंतर्गत हज़ारों बीघा जमीन गैर मजरुआ खास रैयती जमीन है। जिसकी खरीद-बिक्री पर बिना जांच किए 2014 से प्रतिबंधित है। किसानों के पास कागजात होने के बावजूद सताया जा रहा है। धरना प्रदर्शन में मौजूद राजद नेता कपलेश्वर यादव, जितेन्द्र कुमार अरविंद, बौधि यादव, प्रवेश प्रवीन, कांग्रेस नेता कोशल यादव, डा. विश्वनाथ सर्राफ, भाजपा नेता योगेन्द्र यादव योगी, शंभू गुप्ता, भाकपा माले के जन्मजय राई, मु. मुस्लिम,नीलाम्बर कुमार मेहता (रालोजद) ललन कुमार यादव, ललन तांती लोजपा, संजय यादव जदयू, सुधा रिचर्ड, मु. यूनुस, श्रवण कुमार यादव (सीपीएम), परमानंद यादव, सुरेश यादव, भोला चौधरी, निर्मल भगत, डा. अमित कुमार (माले) रामदेव यादव, चौधरी, रोशन अंथोनी, नागेश्वर यादव, राजेश कुमार शाह, गुलाब प्रसाद यादव, विभाष चंद्र विमल, राजू, गोर्डेन रेमी, विनोद विलासुस, रणधीर कुमार यादव, राजेश कुमार गजेश आदि मौजूद थे।

लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 10 फरवरी से अगले 17 दिन तक जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेंटर फार एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सदर अस्पताल परिसर में एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डा. ललन कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सभी मीडिया कर्मियों से मीडिया के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई। मीडिया कार्यशाला में डीआईओ डा. अजय कुमार झा, भीडीसीओ विपिन कुमार, पीसीआई के जिला कोार्डिनेटर प्रिंस कुमार, सीफार के स्टेट मीडिया कोार्डिनेटर अमन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। सिविल सर्जन ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अंडकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। जिला वेक्टर नियंत्रण रोग पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लोगों को घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीइसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए कार्यक्रम के दौरान जिले के 13 लाख 99 हजार 216 लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। अभियान जिले के सदर सुपौल, सदर अर्बन, किशनपुर, सरायगढ़, राघोपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली के 331 वार्ड में चलाया जाएगा। जिसमें 2-5 वर्ष के 1,25,933 बच्चे 5-15 वर्ष के 3,35,809 बच्चे तथा 15 वर्ष से ऊपर के 9,37,474 लोगों को दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए 736 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर टीम, 74 सुपरवाइजर लगाया गया है। उन्होंने बताया 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है। जिसके लिए 34 लाख 98 हजार 40 डीईसी तथा 13 लाख 99 हजार 216 अल्बेंडाजोल की दवा उपलब्ध कराई गई है।

लोकसभा चुनाव के तहत होने वाले मतदान के लिए प्रशासन द्वारा सभी स्तरों पर तैयारी चल रही है। वहीं शांतिपूर्ण व स्वच्छ माहौल में मतदान हो इसके लिए संबंधितों की जिम्मेवारी सुनिश्चित की जा रही है। अनुमंडल निर्वाचन पदाधिकारी सह वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार बुधवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने बीडीओ रीतेष कुमार सिंह एवं नव पदस्थापित थानाध्यक्ष शिवशंकर कुमार से चुनाव की तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक कई निर्देश दिए। जिसके बाद एसडीएम ने बीडीओ व थानाध्यक्ष के साथ कई मतदान केंद्रों पर जाकर भवन व देय सुविधाओं की पड़ताल की। इस क्रम में एसडीएम लालगंज पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय परियाही गैडा धार से पश्चिम स्थित मतदान केंद्र संख्या 203 एवं 204 पर पहूंचे और और विद्यालय के एचएम संतोष कुमार एवं बीएलओ से आवश्यक जानकारी ली। इस क्रम में उन्होंने भवन, शौचालय, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। विद्यालय परिसर में नल-जल योजना के तहत लगे सभी नल सूखे पडे़ देखकर एचएम से इस बाबत जानकारी ली। वहीं पीएचडी को सुचित कर इसे दुरूस्त करवाने का बीडीओ को निर्देश दिया। एसडीएम ने बताया कि सभी सेक्टर पदाधिकारी को प्रशिक्षित कर चुनाव कार्य में लगाया गया है। बूथ का नजरी नक्शा व मतदान केंद्र की भौतिक स्थिति का प्रतिवेदन सेक्टर पदाधिकारियों ने दे दिया है। प्रतिवेदन के आलोक में सभी व्यवस्था को दुरुस्त कराया जा रहा है। बताया कि अधिक से अधिक मतदाता मताधिकार का प्रयोग करे इसके लिए प्रेरित व जागरूक करने के निर्देश दिये गए हैं। वहीं भयमुक्त व निष्पक्ष माहौल में मतदान हो इसके लिए पुलिस की जिम्मेवारी तय है। थानाध्यक्ष एवं ओपी प्रभारी को अपने क्षेत्र अंतर्गत बूथों को सूचिबद्ध कर उसका सत्यापन करने को कहा गया है।

किशनपुर प्रखंड परिसर में नियोजित शिक्षकों ने बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले विशिष्ट शिक्षा नियमावली के तहत सक्षमता परीक्षा के विरुद्ध में गठित विभागीय समिति बैठक की कार्यवाही की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रखंड अध्यक्ष राकेश रंजन ने कहा कि शिक्षक नियोजन नियमावली के अनुसार 60 वर्ष के उम्र तक नियोजित शिक्षकों के नौकरी में बने रहने का प्रविधान है। सरकार का यह फैसला शिक्षक हित में नहीं है। यह फैसला शिक्षक नियोजन नियमावली के विपरीत है। नियोजित शिक्षकों को अलग-अलग फैसलों के तहत प्रताड़ित किया जा रहा है। कहा कि सरकार का यह फरमान कहीं से भी उचित नहीं है। अगर नियोजित शिक्षक असक्षम हैं तो इतने वर्षों से काम क्यों लिया जा रहा था। यदि नियोजित शिक्षक अक्षम हैं तो इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे पढ़कर मैट्रिक, इंटर और आगे की पढ़ाई कैसे कर रहे हैं। कहा कि सरकार उन सभी की उचित मांगों को मानने की बजाय सेवामुक्त करने की बात करती है जो मानवीय मूल्यों के विपरीत और संविधान का उल्लंघन है। कहा कि नियमावली में कई त्रुटियां हैं जिसका निवारण करना शिक्षा विभाग का दायित्व है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विशिष्ट शिक्षक नियमावली का हर स्तर पर विरोध करना है। कहा कि कोई भी नियोजित शिक्षक आवेदन न करें संघ आश्वस्त करती है कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी। चाहे संघर्ष कितना भी बड़ा करना पड़े। कहा कि सरकार के इस फैसले का राज्य भर के शिक्षक विरोध कर रहे हैं और हम अपनी चट्टानी एकता के बल पर सरकार को ऐसे आदेश को वापस लेने के लिए बाध्य कर देंगे। शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सक्षमता परीक्षा से संबंधित संशोधित नियमावली को जलाया। मौके पर शिक्षकों में नीतू कुमारी, सरिता कुमारी, रंजना राय, प्रीति कुमारी, भूपेंद्र कुमार, रामधारी शर्मा, पवन कुमार, अंजार आलम, तबस्सुम आरा, दुर्गेश कुमार, सोनित कुमार, महावीर प्रसाद, सोनित कुमार, प्रदीप कुमार, रविन्द्र कुमार सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे।

सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड अंतर्गत झिल्ला डुमरी पंचायत के विशनपुर गांव के वार्ड नंबर 7 और 6 के लोगों को कई माह से मुख्यमंत्री जनरल योजना से पानी नहीं मिल रहा है। उसे बस्ती के रामचंद्र पासवान के घर के समीप लगाए गए नल जल योजना से वार्ड नंबर 7 और वार्ड नंबर 6 के 200 से अधिक परिवार अच्छादित हैं। गांव के कई लोगों का कहना है कि नल जल योजना का पानी नहीं मिलने की शिकायत संपादक के लोगों तथा विभागीय कर्मियों से की जाती है मगर फायदा नहीं मिलता है। खासकर महादलित बस्ती के लोगों को तो पानी के लिए चापाकल का ही सहारा लेना पड़ता है क्योंकि उनके घरों तक जो टूटी गई है उसमें से अधिकांश खराब पड़ा है।

सहरसा के बाद फारबिसगंज -सहरसा के बीच सुपौल जिला का यह पहला रैक प्वाइंट है। इस प्वाइंट के चालु होने का इंतजार लम्बे समय से किया जा रहा था।

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के निर्देशानुसार यह अभियान चलाया गया है। पशुपालकों में इस बिमारियों के होने से वे काफी परेशान थे।

सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के झिल्ला डुमरी पंचायत अंतर्गत बिशनपुर गांव के वार्ड नंबर 7 तथा वार्ड नंबर 6 के महादलित वर्ग के लोगों को बीते 1 वर्ष से नल का शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है जबकि वहां के संवेदक को सरकार द्वारा लगातार रूप से राशि दी जा रही है। 7 फरवरी बुधवार के दिन महादलित परिवार के कई लोगों ने नल जल योजना के खाना पूरी को लेकर आक्रोश जताते कहा कि योजना धरातल पर नहीं है कागज पर है। लोगों का कहना था कि जब नल से जल ही नहीं मिलता है तो भला इस तरह के योजना को सरकार क्यों चला रखी है। महादलित वर्ग की कई महिलाओं ने कहा कि उन सबों को डेढ़ वर्ष से पानी नहीं मिलता और कोई देखने तक को तैयार नहीं है। महिलाओं ने जिला पदाधिकारी सुपौल से इस तरह के धांधली की स्थल पर जांच कराकर कार्रवाई की मांग की।