हमारा नाम उर्मिला देवी/सड़किया टोला भंगहा मैनाटाँड/से बोल तानी पाँच गो बेटी, हमार घर फुस के बा मुखिया जी के हम पैसे देनी बकरी दो गो बेच के उस मुखिया को पैसा दिये पर घर नही पैसा खा गया। मजदूरी करके बेटी की बारी-बारी से बियाह करेनी. कौनो लाभ नईखे मिलत। एकरा खातिर हम का करी।

Transcript Unavailable.

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।