उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शशि से साक्षात्कार लिया । शशि का कहना है कि मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम वे सुनती हैं। उन्हें अच्छा लग रहा है। वो इस कार्यक्रम को पिछले कुछ दिनों से सुन रही है। उनका कहना है उनकी सास ने उन्हें कोई अधिकार नहीं दिए थे, वो किराये के मकान में अलग रहती थी। अब उनकी सास ने उन्हें बुलाकर घर में रख लिए हैं। शशि का कहना है मोबाइल वाणी सुनकर बहुत सी महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। बहुत सी महिलाओं का भला हो रहा है। पहले शशि को भी लगता था की महिलाओं को भूमि में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। लेकिन अब वो खुद भी अपनी बेटियों को संपत्ति में हिस्सा देंगी। उनकी बेटी उनका हमेशा साथ देगी। मोबाइल वाणी के माध्यम से पता चला की बेटियां भी बेटों से कम नहीं है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमन से साक्षात्कार लिया। सुमन का कहना है कि मोबाइल वाणी के कार्यक्रम 'अपनी जमीन, अपनी आवाज ' के माध्यम से उनके जीवन में बहुत बदलाव आया है। पहले उन्हें लगता था की वो अपनी बेटियों को जमीन व जायदाद में हिस्सा नहीं देंगी। लेकिन मोबाइल वाणी में कार्यक्रम सुनकर उन्हें लगा की बेटियों को भी संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने अपने आस पास के लोगों को भी कार्यक्रम के बारे में बताया और सुनाया , तो उन्हें भी लगने लगा की महिलाओं को भी जमीन मिलनी चाहिए। सुमन ने जब ये कार्यक्रम अपने पिताजी को सुनाया , तब उनके पिताजी के सोच में बदलाव आया और उन्होंने भी सुमन को भूमि में हिस्सा दिया। इस कार्यक्रम की वजह से समाज में भी सुधार हो रहा है। आस पास के लोगों को भी लग रहा है कि महिलाओं को भी भूमि में अधिकार मिलना चाहिए। सुमन ने जब ये कार्यक्रम अपने पिताजी को सुनाया, तब उनके पिताजी को समझ आया की लड़कियों को भी भूमि अधिकार मिलना चाहिए। अब सुमन को भी लगता है की, बेटियों को भी उनका हक़ मिलना चाहिए और सुमन भी अपनी बेटियों को अधिकार देना चाहती है। इस कार्यक्रम को सुनने के बाद ही सुमन को पता चला की महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। सुमना का कहना है कि अगर ससुराल में परेशानिया भी होंगी और महिलाओं के पास भूमि होगा, तो समाज में उनका मान सम्मान बढ़ेगा और वो अपने लिए भी कुछ कर सकती है।इसलिए लड़कियों को भी भूमि में हिस्सा मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विभा से साक्षात्कार लिया। विभा का कहना है कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे 'अपनी जमीन, अपनी आवाज' कार्य्रक्रम काफी दिनों से सुन रही है। कार्यक्रम के माध्यम से उनके जीवन में अदभुत बदलाव आया है। विभा के पति नहीं है और उनका एक छोटा सा बच्चा भी है। शादी के 2 साल के बाद ही उनके पति का देहांत हो गया और लोगों ने मनहूस कहकर उन्हें घर से भी निकाल दिया। मायके वालों ने साथ दिया लेकिन, भाई उतना सपोर्ट नहीं करते थे। भाईयों को लगता था की जब बहन की शादी हो गई है , तो उनका हक़ ससुराल में मिलना चाहिए, मायके में उनका हक़ नहीं होता है। विभा बहुत लंबे समय तक एक झोपड़ी में रहती थी। उनके पिताजी पुराने सोच वाले थे और ऐसे सोच वाले लोगों को कहाँ पता होता था, की कैसे बेटों के खिलाफ जाके अपनी बेटी को हिस्सा दिलाना है ? लेकिन जब विभा ने अपने पिताजी को मोबाइल वाणी पर प्रसारित कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपना अधिकार' सुनाया, कार्यक्रम से प्रभावित होकर, उनके पिताजी ने विभा के नाम खेत और गाँव की थोड़ी सी जमीन का हिस्सा उन्हें दिया। कार्यक्रम के माध्यम से ही विभा को भूमि में हिस्सा मिला और आज वो आत्मनिर्भर हैं।कार्यक्रम से जानकारी प्राप्त कर के विभा के पिताजी ने समाज और लोगों की परवाह न करते हुए अपनी बेटी को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया। विभा बहुत खुश हैं और मोबाइल वाणी का आभार व्यक्त कर रही हैं ।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से ज्योति से साक्षात्कार लिया । ज्योति का कहना है कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्य्रक्रम 4 से 5 महीने से सुन रही है। कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें सिख मिला की औरतो को भी संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। मोबाइल वाणी का ये कार्यक्रम उन्होंने अपने माता पिता को भी सुनाया, इससे उनके मन में भी ये ख़याल आया की बेटियों को भी पैतृक संपत्ति में हिस्सा देना चाहिए। ज्योति का कहना कि इस कार्यक्रम के माध्यम से औरतो के बारे में सोचा जा रहा है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सबीहा खातून से साक्षात्कार लिया । सबीहा खातून का कहना है कि महिलाये बिना पिता या पति से पूछे बगैर कोई कार्य नहीं करती है। घर के छोटे फैसले औरते खुद लेती है, लेकिन पूछती जरूर है। पिता और पति घर में मुखिया होते है, तो कोई भी काम करने से पहले उनसे पूछना जरुरी है , ताकि भविष्य में कोई भी परेशानी आये तो उससे साथ मिलकर हल किया जा सके। लड़कियों के लिए आज़ादी सिर्फ कहने के लिए होता है, क्योकि समाज की सोच से महिलाये अभी तक उभरी नहीं है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अलका से बातचीत की।अलका का कहना है महिलाओं को कोई भी निर्णय लेना हो तो वे पति या पिता से पूछकर ही लेती हैं क्योंकि घर में पुरुषों का ही शासन चलता है इसलिए उनसे पूछना मुनासिब समझती हैं कि महिलाएं कहीं जाए या नहीं
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुल्ताना से साक्षात्कार लिया । सुल्ताना का कहना कि वो काफी समय से मोबाइल वाणी को सुन रही है। इसमें औरतो के हक़ के बारे में बात किया जा रहा है और उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इसलिए उन्हें ये कार्यक्रम सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से औरतो को सपोर्ट किया जा रहा है। सुल्ताना का कहना कि उनका भी पढ़ने लिखने का बहुत मन था , लेकिन पिता के मृत्यु के बाद भाइयो ने सपोर्ट नहीं किया, इसलिए खुद से अपनी शिक्षा पूरी की। शादी के बाद ससुराल वालो ने भी बहुत साथ दिया , और आज वो अपने पैरो पर खड़ी है। मोबाइल वाणी के कार्यक्रम से लोगो को सीख मिलती है। मोबाइल वाणी के माध्यम से अच्छी अच्छी चीज़े सुनाने और समझने को मिलती है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मनीषा से साक्षात्कार लिया । मनीषा का कहना है कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम बहुत दिनों से सुन रही है। उनका कहना है कि वो अपनी जमीना, अपनी आवाज़ कार्यक्रम के बारे में अपने घर में बताया और सभी को सुनाया भी, ये सुनकर घरवालों का भी कहना है कि महिलाओं को भी उनका अधिकार मिलना चाहिए। इसे सुनकर मनीषा को भी लगा कि लड़कियों को भी भूमि में अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से चांदनी से साक्षात्कार लिया । चांदनी का कहना है कि परिवार पूर्ण रूप से महिलाओं को स्वतंत्र नहीं करता है, इसलिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। जब तक महिलाये शिक्षित नहीं होंगी और आगे नहीं बढ़ेंगी , तब तक महिलाओं को स्वयं निर्णय लेने की आज़ादी नहीं मिल पाएगी
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रोशनी से साक्षात्कार लिया ।रोशनी का कहना है महिलाएं अपना फैसला खुद ले सकती हैं इसमें उनकी पूर्ण सहमति है। उनका कहना है शिक्षा के माध्यम से औरतें आगे बढ़ सकती हैं बहुत कुछ कर सकती हैं