उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कुसुम से बातचीत की।कुसुम का कहना है महिलाओं को कोई अधिकार नहीं रहता पुरूषों का अधिकार रहता है इसलिए महिलाएं कोई भी काम करती हैं पुरूषों से पूछ कर करती हैं। उनका कहना है उनके घर में संपत्ति का अधिकार बेटों को देना चाहती हैं क्योंकि ऐसे भी घूम कर बेटे से बहु को अधिकार मिल ही जाता है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दुर्गावती से बातचीत की।दुर्गावती का कहना है औरतों को पुरूषों द्वारा पूरी आजादी दी जाती है लेकिन महिलाएं कहीं चली जाए कुछ करें तो पुरूष उसका विरोध करते हैं कि बिना पूछे क्यों कर रही। उनका कहना है वोट डालने का अधिकार महिलाएं खुद से ही ले लेती हैं साथ ही कहीं आना जाना हो तो वे मायके में होती हैं तो पिता से पूछती हैं और ससुराल में रहती हैं तो पति से पूछती हैं। दुर्गावती ने बताया कि अपने परिवार में वे अपने घर की महिलाओं को अधिकार देना चाहती हैं लेकिन पुरुषों से मिले तभी। यदि महिलाओं को उनका हक अधिकार दे दिया जाए तो महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं वे खेती कर सकती हैं फसल ऊगा सकती हैं और अपने बच्चों का पालन पोषण कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कीर्ति श्रीवास्तव से बातचीत की। कीर्ति श्रीवास्तव का कहना है कि पहले के समय में महिलाये शिक्षित नहीं होती थी, इसलिए वो अपना सारा फिसला अपने पिता या पति से पूछकर लेती थी , ताकि आगे चलकर अगर कुछ गलत हो, तो कोई साथ देने वाला हो। आज के समय में महिलाये इतना पढ़ लिख गई है , की वो अपना फैसला खुद ले सकती है। कभी कभी कुछ ऐसे भी फैसले होते है, जिसमे पिता और पति को शामिल करना भी जरुरी हो जाता है। ससुराल के फैसले अगर खुद के लिए हो तो पति के बिना भी लिए जा सकता है। महिलाओं को अगर अधिकार दिया जाये और उन्हें सपोर्ट किया जाये तो महिलाये पुरुषो से भी आगे निकल सकती है। आज कल महिलाये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। इसलिए अगर उनका समर्थन किया जाए तो वे सभी निर्णय भी ले सकती हैं, आगे भी बढ़ सकती हैं और अपने पैरों पर खड़ी होकर दूसरों को भी सुशिक्षित बना सकती हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सहर बनो से बातचीत की। सहर बनो का कहना है कि महिलाओं को अपने बडो पूछकर ही निर्णय लेना चाहिए, क्योकि ये उनका हक़ है। महिलाओं का पढ़ा लिखा होना बहुत जरुरी है। महिलाये खेती बाड़ी के साड़ी काम कर सकती है। महिलाओं को जागरूक होने के लिए उनका पढ़ा लिखा होना बहुत जरुरी है। शिक्षित महिलाये बाहर जाकर कोई भी नौकरी या काम कर सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शहीन बनो से बातचीत की। शहीन बनो का कहना है कि महिलायें अपना निर्णय ले सकती है, क्योकि उन्हें हर चीज़ के बारे में जानकारी होती है। हर एक चीज़ की समझ है और उनका फैसला वो खुद कर सकती है। आज के समय में कोई भी ऐसा काम नहीं है, जो महिलायें न जानती हो। अब महिलाएं खुद सक्षम हो गई है और अपनी सुरक्षा भी कर सकती है। अपना आगे कदम भी बढ़ा सकती है और कानून उनको सुरक्षा करने के लिए तैयार है। अब महिलायें आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आज के समय में सभी को पढ़ा लिखा होना जरुरी है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विद्या रानी से बातचीत की। विद्या रानी का कहना है कि ये तो अच्छी बात है की बेटियां कही जाए तो अपने माता पिता से पूछ कर जाए। बेटियों को अपने घरवालों से पूछ कर ही कही जाना चाहिए। इसे उनके घरवालों को पता रहेगा की हमारी बेटी कहाँ है ? विद्या इसे अपने परिवार में लागू करना चाहती है। अधिकार तो घूम फिर कर के बहु का ही होता है , बेटियों का नहीं
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नूर फातिमा से बातचीत की। नूर फातिमा का कहना है कि महिलाओं को भूमि का अधिकार जरूर मिलना चाहिए। महिलाओं को कोई भी निर्णय लेने के लिए अपने घरो से पूछना पड़ता है, क्योकि घर वाले भी चाहते है की वो निर्णय पूछ कर ही करे। बहुत से पुरुष महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद करते है। आज के समाज में महिलाये हर क्षेत्र में कार्य कर रही है , वो पुरुषो से आगे निकल रही है। महिलाओं का शिक्षित होना बहुत ही जरुरी है। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए उनका पढ़ना लिखना बहुत जरुरी है। शिक्षित महिलाये अपना घर बार चला सकती है और बहुत आगे जा सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपा से बातचीत की। दीपा का कहना है कि महिलाओं को शुरू से ही शिखाया गया है की कोई भी निर्णय माता पिता , भाई या पति से ही पूछ कर लेना है। लेकिन महिलाओं का अधिकार होना चाहिए और अधिकार का मिलना भी जरुरी है। जो चीज़ शुरू से चलता आ रहा है उससे बदलने में दिक्कत आती है। वोट जैसे महत्वपूर्ण निर्णय तो घरवालों से पूछ कर ही लेना चाहिए। महिलाये पढ़ी लिखी होंगी तो, अपने अधिकारों को जान पाएंगी और किसी से भी कुछ पूछंने की जरुरत नहीं होगी
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से उमेकुसुम से बातचीत की। उमेकुसुम का कहना है कि महिलाओं का हक़ अधिकार नहीं होता है, इसलिए वो अपना सारा निर्णय पूछ कर लेती है। जो भी हक़ अधिकार होता है, वो केवल पुरुषों का होता है। महिलाये अगर घर में होती है , तो भाई या पिता से पूछती है और ससुराल में होती है, तो पति या ससुर से पूछती है। महिलाओं के अंदर पुरुषो का डर रहता है, इसलिए वो अपना निर्णय खुद नहीं लेती है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से लक्ष्मी शर्मा से बातचीत की। लक्ष्मी शर्मा का कहना है घर में लड़ाई की संभावना न बने इसलिए, महिलाये घर में सबसे पूछ कर निर्णय लेती है। महिलाओं का पढ़ा लिखा होना बहुत जरुरी है। प्रत्येक महिला शिक्षा प्राप्त करे, इसलिए प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। माता पिता को अपने बच्चो पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षित महिला अपने परिवार को अच्छे से संभाल सकती है और माता पिता का नाम रौशन कर सकती है। बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ेंगे , तो इससे माता पिता का भी नाम रौशन होगा