उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से विभा से साक्षात्कार लिया। विभा का कहना है कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे 'अपनी जमीन, अपनी आवाज' कार्य्रक्रम काफी दिनों से सुन रही है। कार्यक्रम के माध्यम से उनके जीवन में अदभुत  बदलाव आया है। विभा के पति नहीं है और उनका एक छोटा सा बच्चा भी है। शादी के 2 साल के बाद ही उनके पति का देहांत हो गया और लोगों ने मनहूस कहकर उन्हें घर से भी निकाल दिया। मायके वालों ने साथ दिया लेकिन, भाई उतना सपोर्ट नहीं करते थे। भाईयों को लगता था की जब बहन की शादी हो गई है , तो उनका हक़ ससुराल में मिलना चाहिए, मायके में उनका हक़ नहीं होता है। विभा बहुत लंबे समय तक एक झोपड़ी में रहती थी। उनके पिताजी पुराने सोच वाले थे और ऐसे सोच वाले लोगों को कहाँ पता होता था, की कैसे बेटों के खिलाफ जाके अपनी बेटी को हिस्सा दिलाना है ? लेकिन जब विभा ने अपने पिताजी को मोबाइल वाणी पर प्रसारित कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपना अधिकार' सुनाया, कार्यक्रम से प्रभावित होकर, उनके पिताजी ने विभा के नाम खेत और गाँव की थोड़ी सी जमीन का हिस्सा उन्हें दिया। कार्यक्रम के माध्यम से ही विभा को भूमि में हिस्सा मिला और आज वो आत्मनिर्भर हैं।कार्यक्रम से जानकारी प्राप्त कर के विभा के पिताजी ने समाज और लोगों की परवाह न करते हुए अपनी बेटी को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया। विभा बहुत खुश हैं और मोबाइल वाणी का आभार व्यक्त कर रही हैं ।