उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से अभिशेख सिंह से बातचीत की। अभिशेख सिंह का कहना है अगर महिलाओं को अपनी भूमि का अधिकार मिल जाए, तो वे आने वाले कल को इस तरह से अच्छा बना सकती हैं कि वे उस भूमि से खुशहाल जीवन जी सकती हैं और उस भूमि से कुछ काम कर सकती हैं। भूमि पर खेती करके अगर वह खुद इसे करने में सक्षम नहीं है तो दूसरों से खेती करवा सकती हैं और अपनी आजीविका चला सकती हैं। महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिल रहा इसका एक कारण निरक्षरता और जागरूकता की कमी भी है। जिसके कारण उन्हें भूमि अधिकारों की जानकारी नहीं है, तो वे किसी को कैसे बताएँगे कि इस भूमि पर मेरा भी अधिकार है? यानी कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो जमीन के अधिकार नहीं ले पाती हैं और उनसे वंचित रहती हैं, सरकारी प्रक्रिया भी बहुत जटिल है इस वजह से महिलाओं को जमीन नहीं मिल पा रही है, अगर उनके पास जागरूकता और शिक्षा दोनों उपलब्ध हैं, तो यह उनके लिए जटिल नहीं है। यदि उन्हें शिक्षित किया जाएगा, फिर कोई भी कानूनी प्रक्रिया है, वह इसे पढ़कर अपना अधिकार ले सकती है, अगर वह चाहे तो उसके लिए मुश्किल नहीं है।