उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटियाँ भी अपने माता-पिता के लिए बहुत कुछ करती हैं। वर्तमान समय में बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं। बेटी को पिता की संपत्ति एवं पिता की हर चीज़ पर अधिकार होना चाहिए।कुछ लोगों का विचार है कि अविवाहित बेटी का अधिकार पिता की सम्पत्ति पर हो सकता है। शादी के बाद उसका अधिकार उसके ससुराल में होना चाहिए। जहां कुछ माता - पिता बेटी की शादी में हुए खर्च की दुहाई दे कर बेटी को जमीं में हिस्सा देना नही चाहते हैं। वहीं माता - पिता बेटी को हिस्सा देना चाहते हैं तो उनके भाई नाराज़ हो जाते हैं। सदियों से ये प्रथा चली आ रही है कि बेटियों का शादी के बाद ससुराल घर होता है और वहीं पर अधिकार है। आज भी लोगों की सोच नहीं बदली है।