उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहां मात्र 10 प्रतिशत महिला ही राज्य विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रही है, उनमें से 77.5 प्रतिशत महिला स्नातक और स्नातकोत्तर है जबकि पुरुषों की संख्या इस तुलना में तो काफी कम है.