उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटी को सम्पत्ति में बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन पिता अपनी हैसियत के अनुसार लाखों रूपये खर्च कर के बेटी की शादी करते हैं और ससुराल भेजते हैं। ऐसे में बेटी को हिस्सा ससुराल में मिलना चाहिए। पिता के घर में जो बहू आती है,उनको यहां का हिस्सा मिलना चाहिए। इनकी पत्नी मैके में हिस्सा ले या बहन यहां हिस्सा ले,तो इसमें माता - पिता के लिए दिक्कत हो जाती है और परिवार बिखरने का डर बना रहता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि रक्षा बंधन भाई - बहन के प्यार का प्रतिक पर्व है। बहन माँ समान होती है और घर में शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने में अहम् भूमिका निभाती है। रील बनाने वाले भाई - बहन को बदनाम कर रहे हैं। ऐसा नही होना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी महिलाएं अपने हक़ के लिए आगे नही आ रही हैं। समाज में कुछ लोग हैं जो अपनी बहनों को हीन भावना से देखते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। महिलाओं को भी जागरूक होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए। जब महिलाएं रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर अपने भाई के घर पहुंचती हैं, तो उन्हें बहुत प्यार और स्नेह मिलता है।अगर उन्हें जमीन का अधिकार दिया जाए तो महिलाओं को जमीन का अधिकार दिया जाए तो बहुत अच्छा होगा और वो सशक्त होंगी। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि अगर महिलाओं को भूमि का अधिकार दिया जाए तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार पड़ सकती है

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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सत्यप्रकाश वर्मा से साक्षात्कार लिया।सत्यप्रकाश वर्मा ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए , लेकिन इसके साथ ही महिला अधिकार मिलने से आपसी मतभेद होंगे, सद्भावना बिगड़ेगा और वैमनस्य पैदा होगा। इन बातों का ध्यान रखते हुए महिलाओं को अधिकार देने पर विचार किया जाना चाहिए। सोच समझकर ही महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए

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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से अटरूल बातचीत की । बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार दिया भी जाना चाहिए और नहीं भी ,उनका कहना है कि यदि उन्हें सम्पत्ति का अधिकार मिलता है तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है। उनके धर्म में महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार दिया जाता है और वे अधिकार देते भी हैं। यदि धर्म के हिसाब से देखा जाए तो महिलाओं को बराबरी का हक़ दिया जाता है। लेकिन महिलाओं को अधिकार देना अनुचित होगा इससे भाई-बहन के रिश्ते में समझौता हो सकता है और यह भविष्य में नुकसान भी हो सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी ने चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से राम प्रकाश त्रिपाठी पाठक से बातचीत को। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना आवश्यक है, लेकिन जब मायके में कोई उत्तराधिकारी नहीं है साथ ही यदि उसका शादी हो गया है तो पिता की सम्पत्ति में अधिकार देना उचित नहीं है। उसका अधिकार उसके पति के माध्यम से दिया जाना चाहिए, न कि उसके पिता के माध्यम से,।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लड़कियों को अधिकार मिलना चाहिए, यह सरकार द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है वो बिलकुल सही है। लेकिन लड़कियों को शादी से पहले अधिकार नहीं मिलना चाहिए और शादी के बाद अपने ससुर के अनुसार चलना चाहिए। ससुर अधिकार देता है या नहीं, यह उस पर निर्भर करता है। हम जिस संस्कृति में रहते हैं, उसके अनुसार चलना चाहिए, चाहे वह हमारी बेटी हो या बहू हो। इस अधिकार को शहरो में लोग अधिक मानते है , परन्तु समाज में साथ चलने वाले इसका विरोध करते है। आजकल लड़कियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक का विरोध करते हैं। ये संस्कारों के तहत नहीं आता है, इसलिए लोग ऐसे अधिकारों का विरोध कर रहे हैं। समाज पढाई का विरोध नहीं करता है और न ही नौकरी का ,बेशक वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हमारी संस्कृति कहती है कि अपनी सीमा के भीतर रहें और इसे रहने दें, लेकिन जब लोग सीमा पार करते हैं, तो, तो कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के. सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता प्रदीप मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि जिस परिवार में सिर्फ बेटियाँ ही है वहां अधिकार देना सही है, लेकिन जिस परिवार में बेटी और बेटा दोनों है वहां भूमि का अधिकार देना उचित नहीं है। कानून की मदद से अगर अधिकार लेना भी चाहे , तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है