उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन त्रिपाठी से बातचीत की। पवन त्रिपाठी का कहना है निश्चित रूप से महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि बेटियां बेटों के बराबर होती हैं जिस तरह बेटे पिता का प्यारा होती हैं बेटियां भी होती हैं।भले ही पुत्री की शादी हो गयी हो लेकिन वे भी तो पिता की ही संतान होती हैं। विकट परिस्थियों में पिता के द्वारा दी गयी संपत्ति उस समय के बाद वह बच जाएगी, लेकिन वह पिता की बेटी भी है। कठिन परिस्थितियों में पिता द्वारा दी गई संपत्ति से ही उसका समर्थन हो जाएगा। और उन्हें दर दर की ठोकरे नहीं खानी पड़ेंगी। इससे उनका भरण पोषण हो जाएगा और यह एक अधिनियम भी बन गया है। दो हजार पाँच से सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बराबर हिस्सा होना चाहिए। ताकि समाज के दोनों पक्ष पुरुषों और महिलाओं के बीच संतुलन बना रहे

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में पैतृक संपत्ति में बेटियों को संपत्ति अर्जित करने, रखने और निपटाने का समान अधिकार है, चाहे वह विरासत में मिली हो या खुद अर्जित की गयी हो। हिन्दू उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत जिसे 2005 में संसोधन किया गया था इसके अनुसार बेटियों को संपत्ति में सामान अधिकार मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सोमनाथ से साक्षात्कार लिया। सोमनाथ ने बताया कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए, क्युकी वो भी एक ही माता पिता की संतान है। बेटियों का उनके ससुराल में भी हिस्सा होता ही है। आज के समय में बेटा और बेटी एक ही समान है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनमती से साक्षात्कार लिया। सोनमती ने बताया कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को अधिकार नहीं मिलना चाहिए, उनका अधिकार उनके ससुराल में होता है। बेटी और बेटा में कोई अंतर नहीं है, दोनों एक सामान है। बेटियाँ भी बेटो से कम नहीं है , आज के समय में बेटियाँ बेटो से आगे निकल रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से निशा से साक्षात्कार लिया। निशा ने बताया कि अगर मायके में भाई नहीं है, तो पैतृक संपत्ति में अधिकार मिल सकता है और अगर भाई है तो नहीं मिलना चाहिए। पैतृक संपत्ति के असली हकदार भाई ही होते है अगर बहन उसमे हिस्सा लेती है, तो इससे रिश्ते ख़राब होते है। बेटियां भी बेटो से कम नहीं है , इसलिए वो भी पैतृक संपत्ति पाने की हकदार है। बेटियों को भी अगर साथ मिले तो वो भी आगे बढ़ सकती है। भाई के रहते अगर बहन उसमे हिस्सा लेती है, तो इससे रिश्ते ख़राब होते है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पंचम से बातचीत की। पंचम का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए, जब महिलाओं को अधिकार मिलेगा अभी वो सशक्त होंगी। आज का युग पूँजीवाद का युग है और आज के समय में महिला हो या पुरुष सभी को पूँजी की आवश्यकता होती है। अगर महिलाओं को समानता का अधिकार मिलता है , तो उन्हें भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। क्युकी खेती किसानी में महिलाये जुडी रहती है, लेकिन उन्हें भूमि नहीं मिला पाता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनेश लाल से बातचीत की। दिनेश लाल का कहना है महिलाओं को उनके ससुराल की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेने से भाई बहन के रिश्ते में खटास पैदा हो सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पुरुष प्रधान समाज में, महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना है या नहीं, यह असमंजस की स्थिति बानी हुयी है। सरकार तो महिला और पुरूष दोनों को समान रूप से दर्जा देने की बात करती है लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि समाज में पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से पीछे हटता है जब महिलाओं के अधिकारों की बात आती है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाएगा तब पुरुष समाज महिलाओं को अधिकार देने की बात नहीं करता है, लेकिन इसके लिए महिलाओं को भी आगे आना चाहिए और एक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ सकें और शिक्षा में भी आगे आना चाहिए ।जब तक समाज शिक्षित नहीं होता, महिलाओं को अधिकारों की लड़ाई के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है, सरकार कानून बनाती है, लेकिन कानून का ठीक से पालन नहीं किया जाता है, जिसके कारण आज भी बहुत कुछ होता है।महिलाएं संपत्ति के अधिकारों में पीछे हैं, न केवल संपत्ति के अधिकारों में, बल्कि शिक्षा में भी वे पीछे हैं ।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। श्रोता का कहना है कि महिलाओं को यदि पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलता है तो उनके भाई को ससुराल में हिस्सा तो मिलेगा नहीं इसलिए बेटियों को हिस्सा देना सही नहीं है। बेटियों को हिस्सा मिलने से भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवप्रकाश से बातचीत की। शिवप्रकाश का कहना है महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए वे अपने घर शादी विवाह कर के चली जाए उन्हें पति के हिस्से में अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है।