उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन त्रिपाठी से बातचीत की। पवन त्रिपाठी का कहना है निश्चित रूप से महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि बेटियां बेटों के बराबर होती हैं जिस तरह बेटे पिता का प्यारा होती हैं बेटियां भी होती हैं।भले ही पुत्री की शादी हो गयी हो लेकिन वे भी तो पिता की ही संतान होती हैं। विकट परिस्थियों में पिता के द्वारा दी गयी संपत्ति उस समय के बाद वह बच जाएगी, लेकिन वह पिता की बेटी भी है। कठिन परिस्थितियों में पिता द्वारा दी गई संपत्ति से ही उसका समर्थन हो जाएगा। और उन्हें दर दर की ठोकरे नहीं खानी पड़ेंगी। इससे उनका भरण पोषण हो जाएगा और यह एक अधिनियम भी बन गया है। दो हजार पाँच से सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बराबर हिस्सा होना चाहिए। ताकि समाज के दोनों पक्ष पुरुषों और महिलाओं के बीच संतुलन बना रहे