उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुशीला से बातचीत की। सुशीला का कहना है कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि माता पिता बेटियों का शादी विवाह कर देते हैं। पढ़ाते लिखाते हैं दान दहेज़ देते हैं तो ऐसे में बेटियों को ससुराल में हिस्सा मिलना चाहिए। यदि बेटे नहीं हैं तो बेटियां हिस्सा ले सकते हैं लेकिन उन्हें अपने माता पिता की देखभाल करनी होगी उनकी सेवा करनी होगी। तभी उन्हें पिता की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।