उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी  ने मोबाइल वाणी के माध्यम से   बताया कि कहा जाता है कि बेटा -बेटी बराबर हैं, सभी को शिक्षा का अधिकार है, सभी को रोजगार का अधिकार है, सभी को व्यापार करने का अधिकार है, तो फिर लोग महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से क्यों कतराते हैं। इसके लिए महिलाओं को भी जागरूक होना आवश्यक है। जागरूकता के लिए महिलाओं को शिक्षित करने की आवश्यकता है। जब तक महिलाएं शिक्षित नहीं होंगी, वे अपने अधिकारों की मांग नहीं कर पाएंगी। सरकार का कहना है कि महिलाओं के लिए बेटा -बेटी दोनों को बराबर रखा गया है, शिक्षा का लाभ दिया जा रहा है लेकिन जब संपत्ति की बात आती है तो हमारे समाज के लोग हिचकिचाते हैं और महिलाएं इसमें पीछे रह जाती हैं क्योंकि आज भी गाँव में निरक्षरता है। इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार होती है। सरकार उच्च तकनीक वाले प्राथमिक विद्यालयों की बात करती है, लेकिन उच्च तकनीक वाले विद्यालय गाँवों में केवल नाम की शिक्षा के लिए हैं।गाँव में शिक्षा की हालत बहुत खराब है और जब तक शिक्षा में सुधार नहीं होगा तब तक महिलाएं सक्रिय नहीं होंगी। सरकार कानून बनाती है लेकिन कानून काम नहीं करता, जिसके कारण महिलाओं को संपत्ति के अधिकारों से वंचित रहना पड़ता है