उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से गुड़िया मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर भाई अगर राज़ी है तो अधिकार लेना चाहिए और अगर भाई राज़ी नहीं है तो पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं लेना चाहिए। भाई की तरह बेटियों को भी पढ़ाया लिखाया जाता है और बेटियों को शादी के बाद उनका अधिकार ससुराल में मिलता ही है। अगर बेटी गरीब घर में गई है और उसके पास साधन नहीं है कमाने का , तो पिता को जरूर अपने संपत्ति में से हिस्सा बेटी को भी देना चाहिए। बेटा बेटी एक सामना है और दोनों को अधिकार मिलना चाहिए।