उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे महिलाओं को शिक्षा, नौकरी आदि में पुरुषों के बराबर सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन जब संपत्ति के अधिकार की बात आती है तो महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से लोग कतराते है। लोगों का कहना हैं कि महिलाओं को घर में रहना चाहिए उन्हें संपत्ति का अधिकार नहीं मिलाना चाहिए।क्षेत्र के अन्य लोगो का कहना हैं कि अगर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाता है, तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगी, लेकिन अगर महिलाओं के पास संपत्ति होगी, तो वे भी सशक्त होंगी और अपने काम काज में जुटी रहेंगी । जिस तरह से महिलाएं खेती में जुटी रहती हैं, उसी तरह वे कभी भी अपनी संपत्ति का आदान-प्रदान कर सकती हैं और कहीं भी किसी बड़ी नौकरी की तरह अपना जीवन यापन कर सकती हैं। लेकिन महिलाओं के संपत्ति के अधिकार पर लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। जब समानता का अधिकार सबके लिए लागु हो रहा है तो फिर संपत्ति का अधिकार क्यों नहीं। महिलाओं को जागरूक होने की जरुरत है