उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाधयाय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पैतृक संपत्ति पर टप्पणी करते हुआ कहा की बेटे शादी तक ही बेटे रहते हैं लेकिन बेटी हमेशा बेटी ही रहती है। विवाह के बाद बेटो के नियत में बदलाव आ जाता है, लेकिन एक बेटी अपने जन्म से मृत्यु तक अपने माता पिता के लिए बेटी ही रहती है। विवाह के बाद माता पिता का प्यार बेटियों के लिए और बढ़ जाता है, इसलिए बेटियाँ पैतृक संपत्ति में बराबर की हकदार मानी जाती है।