चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र के बड़े-बड़े वादे खत्म हो जाते हैं, कोई भी इस क्षेत्र पर ध्यान नहीं देता है, न ही लोगों से कोई उम्मीद है और न ही चुनाव होने पर। भी आ जाता है तो पब्लिक में हुआ है, हम आपको जो भी सहायता चाहिए देंगे, लेकिन कोई सहायता नहीं है। महिलाओं को भी परेशान किया जाता है। आरक्षण देने के बाद भी वे महिलाओं से पीछे रहते हैं और परेशान भी होते हैं, उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती, चाहे वह पुरुष हो या महिला, उन्हें भी सुविधा नहीं मिलती।