उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं ताकि महिलाएं अपने अधिकारों की मांग कर सकें। महिलाओं की तुलना पुरुषों से की गई है। महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए सभी कानूनी प्रावधान किए गए हैं, लेकिन आज भी महिलाएं इसकी शिकार हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद भारतीय महिलाओं की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। यह भी देखा गया है कि महिलाओं की स्थिति के कारण उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता भी नहीं है, जिसका मुख्य मुद्दा शिक्षा भी माना जाता है। भारत का संविधान और महिलाओं को उनके अधिकार देने के लिए समय पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय भी माना जाता है। नियमों के कानून बनाए जाते हैं लेकिन नियमों और कानूनों की जानकारी की कमी के कारण महिलाएं अपने अधिकारों की मांग नहीं कर पाती हैं। महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार दिया गया है और बेटे-बेटियों को भी नौकरी का अधिकार है। आज जो भी अधिकार दिया गया है, वह महिलाओं को अभी भी पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। महिलाओं को भी पुरुषों के समान नौकरी में वेतन पाने का अधिकार है, लेकिन महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है।