शिक्षा जीवन है लेकिन आजकल शिक्षा अमीर या गरीब है। चाहे मध्यम वर्ग हो, हर कोई अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, चाहे वह बेटी हो या बेटा, ताकि हमारा बेटा पहले लिखे और आगे बढ़े। बच्चों को शिक्षा भी प्रदान की जानी चाहिए लेकिन दुख का कारण वह है जो सरकार द्वारा प्राथमिक है। विद्यालय या कनिष्ठ विद्यालय चलाए जा रहे हैं, इन पर शिक्षा शून्य के बराबर है, शिक्षा नहीं होती है, निजी शिक्षा इतनी महंगी है कि लोग प्रवेश के नाम पर भाग जाते हैं और चाहे फीस कितनी भी महंगी क्यों न हो, लोग अपने बच्चों को अच्छे तरीके से शिक्षित करना चाहते हैं।