संत कबीर नगर मोबाइल वाणी में आपका स्वागत है मैं आपको बता दूं कि सरकार गरीबों के लिए मनरेगा योजना चलाती है। लेकिन सरकार के ऊपर से नीचे तक मनरेगा योजना में लगे लोग इसे लूटने में लगे हुए हैं। इस योजना के तहत एक सौ बावन सौ तक श्रमिक कागजों में काम करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि एक दर्जन भी श्रमिक नहीं हैं। लेकिन अगर रोगियों और मजदूरों की संख्या देखी जाए तो कागज पर दो सौ पच्चीस सौ मजदूर काम कर रहे हैं, यह सोचने पर मजबूर हैं कि प्रशासन इस पर गौर क्यों नहीं कर रहा है। आखिरकार, इस धूप और गर्मी में मनरेगा योजना के लाभ कागज पर चल रहे हैं या वास्तव में जमीन पर हैं। आपको बता दें कि जाँच में यह पाया गया कि मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा अधिकांश काम जे. सी. बी. या अन्य माध्यमों से किया जा रहा है, जबकि मनरेगा मजदूरों को छीन रही है। मनरेगा श्रमिक मजदूरी और कागजों में काम कर रहे हैं, लेकिन लोग राज्य से बाहर पलायन कर रहे हैं, यही मुख्य कारण है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।