"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अरहर की फसल में उकटा रोग की करें निगरानी के बारे में जानकारी दे रहे है । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मटर की खेती के बारे में बता रहे हैं अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अरुवा का स्वाद बढ़ाने के लिए कौन सा खाद डाले। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो पूर्व रेलवे भर्ती द्वारा अपरेंटिस पदों पर वेतनमान नियमानुसार रूपए पर कार्य करने के लिए इच्छुक है। इन पदों के लिए चार सौ ग्यारह रिक्तियां निकाली गयी है। इन पदों के लिए वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकते है,जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से दसवीं एवं आई टी आई की परीक्षा में उत्तीर्ण किया हो। इन पदों पर आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 24 वर्ष रखी गई है। आवेदनकर्ताओं का चयन सर्टिफिकेट सत्यापन, मेरिट सूची में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क :सामान्य और ओ.बी.सी उम्मीदवारों के लिए 100 रूपए और एससी - एसटी, पी.डब्लू.डी और महिला के सभी उम्मीदवारों के लिए निःशुल्क रखा गया है। यदि आप के पास मांगी गयी सारी योग्यताएं है तो आप अपना आवेदन आधिकारिक वेबसाइट https://rrcrecruit.co.in पर ऑनलाइन कर सकते है। याद रखिये आवेदन पत्र 26 अक्टूबर 2023 तक ही स्वीकार किये जायेंगे। तो साथियों अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ बाँट भी सकते हैं।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि बैगन के बीज में कीड़े लगने की समस्या से निजात कैसे पाए। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीतदास साहू बता रहे हैं कि किन कारणों से आमड़ा के पेड़ में फूल-फल नही आते हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
भारत आज खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी देश खैरात में मिले अमेरिका के सड़े हुए गेहूं पर निर्भर था। देश की इस आत्मनिर्भरता के पीछे जिस व्यक्ति की सोच और मेहनत का परिणाम है मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन जिसे बोलचाल की भाषा में केवल स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता था। कृषि को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्वामीनाथन का 28 सितंबर 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925, को तमिलनाडु के कुम्भकोण में हुआ था। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिन्होंने देश की कृषि विकास में अहम योगदान माना जाता है। कृषि सुधार और विकास के लिए दशकों पहले दिए उनके सुझावों को लागू करने की मांग आज तक की जाती है। हालिया कृषि आंदोलन के समय जब देश भर के किसान धरने पर थे तब भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि यह वही सरकार है जिसने चुनावों के पहले किसानों को वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीतदास साहू धान की अच्छी फसल के लिए खाद और दवा के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.