चतरा हरजीवन तालाब उर्फ फांसी तालाब से विख्यात शहीद जय मंगल पांडेय के स्मृति स्तंभ के समीप उनके वंशज सच्चिदानंद पांडेय ने एकदिवसीय उपवास के माध्यम से चतरा वासियों को जगाने को लेकर बुधवार को चतरा स्थित शहीद स्थल पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया ।

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झारखण्ड राज्य के चतरा ज़िला से राजकुमार सिंह, मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि इन्होने दिनांक 30 नवंबर 2023 को मोबाइल वाणी में छोटू सिंह का साक्षात्कार लेकर एक ख़बर प्रसारित किया था। जिसमे छोटू सिंह ने बताया था कि सरकारी बाबुओं की लापरवाही से उनके पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहा था ।छह माह से वो भागदौड़ कर रहे थे पर समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। बार बार बीडीओ कहते थे कि डिजिटल सिग्नेचर नहीं है। मोबाइल वाणी में ख़बर प्रसारित कर राजकुमार ने बीडीओ ,डीडीसी ,सीओ तथा अन्य अधिकारियों के साथ इस समस्या को साझा किया गया। जिसका यह असर देखने को मिला कि अब छोटू सिंह के पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बन गया है। छोटू सिंह से बात करने पर वो अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाने के सम्बन्ध में मोबाइल वाणी को धन्यवाद कह रहे है।

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गारंटी वैन के सामने मंडल अध्यक्ष संजीव कुमार मिश्रा, दिलीप चौधरी ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया। सभी लोगों की उपस्थिति में मंडल अध्यक्ष संजीव कुमार मिश्रा द्वारा हमारा संकल्प विकसित भारत से संबंधित शपथ दिलाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।

केरेडारी बढ़ते ठंड को देखते हुवे केरेडारी सीओ राम रतन वर्णवाल के द्वारा केरेडारी मुख्य चौंक में अलाव की व्यवस्था किया गया। सीओ राम रतन वर्णवाल ने कर्मचारियों के उपस्थिति में मुख्य चौक पर अलाव जलाएं। सीओ ने कहा इन दिनों ठंड काफी बढ़ गई हैं। केरेडारी मुख्यालय के चौंक चौराहों में अलाव की व्यवस्था किया जाना हैं। इस बारे में स्थानीय मुखिया को भी निर्देश आलव दिया गया हैं। सीओ ने आम जनों से ठंड में जरूरत होने पर ही घर से निकलने का आग्रह किए हैं। मौके पर आजसू पार्टी प्रखंड अध्यक्ष बैद्यनाथ महतो, विधायक प्रतिनिधि सुरेश साव, सीआई मो शमीम, कर्मचारी जितेंद्र राम, कंचन यादव समेत कई लोग मौजूद थें।

चतरा।समाहरणालय स्थित कार्यालय में उपायुक्त अबु इमरान ने जनता दरबार के माध्यम से समस्याओं को लेकर मिलने आए आमजनों की समस्याएं सुनी। उक्त जनता दरबार में मुख्य रूप से वृद्धा पेंशन, जमीन, राशन कार्ड,स्वास्थ्य विभाग, खेल कूद , अबुआ आवास, कोविड-19 से संबंधित मानदेय समेत अन्य मामले शामिल है। उपायुक्त ने एक एक कर मिलने आए सभी आमजनों के समस्याओं से जुड़े आवेदनो का अवलोकन कर जल्द से जल्द मामले का निष्पादन करने का भरोसा आमजनों को दिया। ज्ञात हो कि सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे से 01:00 बजे अपराह्न तक समाहरणालय में उपायुक्त द्वारा जनता दरबार के माध्यम से आम जनों की समस्याएं सुन उनका निराकरण किया जाता है।

प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित जेएसएलपीएस संकुल कार्यालय में मंगलवार को महिला समूह का बीमा क्लेम सह ऋण कैंप का आयोजन किया गया। इस दौरान समूह की महिलाओं को बीमा तथा क्लेम सेटलमेंट के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।

मैंगी, चाऊमीन, मंचूरियन, स्प्रिंग रोल आदि चाइनीज व्यंजन भारतीय युवाओं के फेवरेस्ट फूड में शामिल हैं। कई युवा तो इसे ही खाकर अपना पेट भरते हैं बदलते जीवनशैली ने इन चाइनीज फूड को हमारे डे टू डे लाइफ का एक इर्म्पोटेंट हिस्सा बना दिया है। बच्चे हो या बड़े हर वर्ग के लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए जिसका उपयोग किया जाता है उसे कहते हैं अजीनोमोटो... दिमाग को पागल करने का मसाला...इसे दिमाग का झाड़ू भी कहते हैं जो सफेद क्रिस्टल के रूप में होता है। यह मोनो सोडियम ग्लूटामेट(M.S.G.) नामक रसायन है जिसे लोग अजीनोमोटो के नाम से जानते हैं। इसे जिस फ़ूड में डाला जाता है ये उसका स्वाद बढ़ा देता है...अजीनोमोटो एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है।... जिससे सड़ा-गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है। इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरोंस का नेटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं। मोनोसोडियम ग्लूटामेट की खोज एक जापानी वैज्ञानिक किकुनेई इकेडा ने 1908 में की थी। किकुनेई इकेडा उस समय टोक्यो इम्पीरियल यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे। प्रोफेसर की पत्नी अकसर केल्प नामक समुद्री घास से एक लोकप्रिय जापानी स्टॉक (सूप) ‘दाशी’ बनाया करती थी। उन्होंने देखा कि समुद्री घास कटसुओबुशी और कोंबू(kelp) से बने जापानी शोरबे में एक विलक्षण स्वाद होता है।...जो मीठे, नमकीन, खट्टे और कड़ुए स्वाद से भिन्न है। प्रोफेसर ने जलीय निष्कर्षण(Aqueous extraction) और क्रिस्टलीकरण पद्धति से समुद्री-घास लमिनेरिया जपोनिका, कोंबू, से ग्लूटामिक अम्ल (Ajinomoto) को अलग किया और इस साल्ट के विशेष स्वाद को उमामी(Umami) नाम दिया।...जो एक पाँचवे स्वाद के रूप में प्रसिद्ध हुआ।...जिसका अर्थ होता है सुखद स्वाद। प्रोफेसर इकेडा ने इस खोज का नाम रखा मोनोसोडियम ग्लूटामेट और MSG के नाम से जापान में पेटेंट ले लिया। 1909 में सुजुकी भाइयों के साथ मिलकर इसके व्यापारिक उत्पादन के लिए Ajinomoto नाम से कंपनी खोली। इसी साल पहली बार इसका कमर्शियल उत्पादन हुआ। अजीनोमोटो इंसान के लिए सुरक्षित है या नहीं, इसकी डिबेट की शुरुआत हुई जब एक चीनी रेस्टोरेंट syndrome ने इसका प्रयोग न करने का फैसला लिया क्योंकि जिन dishes में अजीनोमोटो का उपयोग हुआ था... उन्हें खाकर उनके ग्राहक बीमार पड़ने लगे और सबसे बड़ी बात ये थी कि सभी बीमार कस्टमर के लक्षण भी एक जैसे ही थे। इस घटना के बाद मेडिको अकादमिक इंडस्ट्री(Medico Adademic इंडस्ट्री) ने भी msg के दुष्प्रभावों के बारे में लिखना शुरू कर दिया। अजीनोमोटो युक्त भोजन गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए|। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में MSG का सेवन गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए घातक हो सकता है। अजीनोमोटो एक प्रकार का नमक ही है। ये रक्त चाप (ब्लडप्रेशर) को बढ़ाता है, जिससे बच्चे तक सही मात्रा में भोजन पहुँचने में बाधा उत्पन्न होती है और बच्चे के मस्तिष्क के न्यूरॉन को प्रभावित करता हैं।...जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाता और शिशु मानसिक रूप से कमजोर पैदा हो सकता है। इसके सेवन से सरदर्द(headache), Flusing(चेहरा लाल हो जाना), sweating(पसीने आना), nausea(चक्कर और उल्टी का मन), weakness(कमजोरी) व कुछ स्टडीज में ये भी पाया गया, इसके ज्यादा सेवन से बच्चों में ब्रेन डैमेज और आँखों में परेशानी हो सकती है। MSG एक न्यूरो ट्रांसमीटर है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है। उत्तेजित न्यूरोंस अनिद्रा जैसी स्थिति उत्पन कर सकते हैं। ज्यादा सेवन से अचानक दिल की धड़कन बढ़ जाना, सीने की मासपेशियों में खिचाव जैसी समस्या भी उत्पन हो सकती है। अजीनोमोटो पैरों की माँसपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्शियम लिया गया हो, उसे कम कर देता है। इसका सेवन करने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और इसके सेवन से रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है। इसी वजह से शरीर पर काफी गम्भीर प्रभाव पड़ता है। अन्ततः ये एक नशे की तरह कार्य करता है। एक बार इसे खा लेते हो तो बार बार खाने का जी चाहता है और इसे खाने से नुकसान होता है। एमएसजी को एक धीमा जहर कहना गलत नहीं है... स्वास्थ्य जानकारी हेतु इस संदेश को सुनकर अपनी राय या प्रतिक्रिया देना ना भूलें साथ ही जानकारी सही लगे तो दूसरों तक पहुंचाएं।

नियमित योग कक्षा के प्रारम्भ से चतरा जिला सहित प्रखंडो में व्यापक मुहीम चलाकर उत्तम स्वास्थ्य और शरीर फिटनेस रखने के तरीके बता रहे है अभय कु. सिंह जिले में योग के द्वारा उत्तम स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए स्वस्थ रहने के नियमो को बता रहे अभय कु. सिंह हंटरगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य केंद्र परिसर में नियमित प्रातः 06:30 बजे से 07:30 बजे तक प्रतिदिन करा रहे है लोगो को योग। योग शिविर में नियमित योग कर रहे लोगों के अनुसार नियमित योग करने से शरीर को फुर्ती और एनर्जी महसूस हो रही है तथा शरीर को नई ऊर्जा के साथ प्राणायाम से प्राण वायु का संचार होता है। और इसके प्रभाव से दिल और दिमाग़ सही तरीके से कार्य करता है।