स्कूलों में हो रहे हैं मनमानी शिक्षा विभाग मौन.... अब स्कूल में ही कोचिंग संस्थान खोल लिए है कई सरकारी शिक्षक, स्कूल में ही पढ़ाते हैं कोचिंग,बेपरवाह है शिक्षा विभाग के प्रभारी। हंटरगंज प्रखण्ड के पाण्डेयपुरा पंचायत में आज कल विद्यायल में हो रहे प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षको के मनमानी से अभिवाक परेशान हैं। अभिभावकों ने शिक्षा विधि व्यवस्था पर अपने विचार साझा करते हुए बताया। समस्या ये चल रहा है कि बच्चों के साथ साथ पहले शिक्षकों को सुधरना होगा,पहला मामला सूत्रों के मुताबिक़ प्रखंड मे पंचायत के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां कुछ ऐसे शिक्षक है कि स्कूल में एटेंड्स बना कर दिन भर गायब रहते हैं, फिर टाइम पर स्कूल आ कर एटेंडेस बना लेते है, यानी दिन भर शिक्षक गायब रहते हैं। दूसरा मामला स्कूल में प्रभारी कि मनमानी का है परीक्षा के समय प्रेटिकल के समय रुपए वसूले जाते है, जो बच्चे नही देते हैं उनको कम नंबर देने के लिए डराया जाता है। तीसरा मामला है की प्रधानाध्यापक प्रभारी कमिशन कमाने के चक्कर में अब स्कूल में ही बिकवा रहे हैं प्रेटिकल कापी पुस्तिका। चौथा मामला है की कुछ शिक्षक जिले में पांच साल से अधिक एक ही जगह टिके हुए हैं शिक्षकों का नही हुआ है तबादला। पांचवा मामला जो सबसे बङा मामला है, कि कई पंचायत में शिक्षको कमी है, बच्चे तो उपस्थिति होते हैं, लेकीन कई जगह विषय के शिक्षक नही है, स्कूल में और शिक्षक कि बहाली कि जरूरत है l छठे मामले मे स्कूल में ही कई सरकारी शिक्षक कोचिंग खोल लिए है, ये सब मामला प्रभारी के मनमानी के कारण हो रहा है, बच्चो के साथ साथ शिक्षको का भी यूनिफार्म होना चाहिए.... विद्यालय प्रबंधन बच्चों पे नियम बनाती है की हर बच्चा यूनिफार्म मे आये वही शिक्षक कैजुअल कपड़े ,फैशनेबल कपड़े पहने शिक्षक को देख के ऐसा लगता है की पढ़ाने नही फैशन शो मे शामिल होने आये है ,किसी की दाढ़ी बड़ी है तो किसी ने अनोखा हेयरकट रख रखा है।सारी नियम कानून वाली माला बस बच्चों के गले मे है। शिक्षक का जिस प्रकार का गरिमामयी पद है सरकार को उनके लिए भी एक यूनिफार्म की घोषणा करना चाहिए ताकि विद्यालय विद्यालय जैसा दिखे ना की फैशन शो के अखाड़े जैसा। ऐसे और भी बहुत सारे मामले है जो अधिकारी एवं अभिवावक को ध्यान देनी चाहिए, हालाकि बहुत ऐसे भी शिक्षक है जो विधालय को पूरी ईमानदारी पूर्वक स्कूल में बच्चों को बढ़ाई विकास के बारे में ध्यान दे रहे हैं, जो भी शिक्षक शिक्षा में लापरवाही मनमानी तरीके से कर रहे हैं ऐसे मामले में शिक्षा विभाग को ध्यान देनी चाहीए,ताकि शिक्षा कि व्यवस्था और भी सुदृढ़ हो सके।