चतरा में समावेशी आर्थिक अवसरों के लिए कार्ययोजना बनाना होगा आवश्यक पहल। टास्क फ़ोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन (झारखंड सरकार),चतरा जिला प्रशासन एवं सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आज समाहरणालय सभा कक्ष में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन के विविध पहलुओं के बारे में जिला प्रशासन तथा संबंधित विभागों एवं एजेंसियों के अधिकारियों का सेंसिटाइजेशन एवं कैपेसिटी बिल्डिंग करना था। ज्ञात हो कि टास्क फोर्स और इसके टेक्निकल पार्टनर सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) द्वारा राज्य के विविध जिलों और क्षेत्रीय स्तर पर ऐसे कंसल्टेशन एवं वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। बैठक को संबोधित करते हुए श्री ए. के. रस्तोगी (आईएफएस, सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन (झारखंड सरकार) ने कहा कि सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन के रोडमैप निर्माण में हम विकेन्द्रीकृत दृष्टिकोण से जिला एवं क्षेत्रीय स्तर पर सभी स्टेकहोल्डर्स को सहभागी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में जलवायु परिवर्तन के लिहाज से चतरा बेहद संवेदनशील जिलों में से एक है और इसे भविष्योन्मुखी एवं न्यूनतम कार्बन अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत है। इसके लिए व्यापक शोध एवं अध्ययन की जरूरत है। इसी कड़ी में चतरा में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांज़िशन की जरूरत से अवगत कराना, उनका क्षमतावर्धन करना और चतरा के आर्थिक विविधीकरण कार्ययोजना के निर्माण में जिलास्तरीय अधिकारियों का सहयोग लेते हुए उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। ज्ञात हो कि झारखंड सरकार द्वारा नेट-जीरो के लक्ष्यों एवं जलवायु परिवर्तन के समाधानों की दिशा में एक रोडमैप बनाने के लिए सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन-टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है, जो राज्य में जीवाश्म ईंधन पर आधारित मॉडल से अलग स्वच्छ ऊर्जा तंत्र के निर्माण एवं हरित अर्थव्यवस्था की संभावना का अध्ययन कर रहा है। इस क्रम में राज्य, जिला एवं क्षेत्रीय स्तर पर वर्त्तमान चुनौतियों एवं अवसरों के आलोक में शोध-अध्ययन के जरिये नीतिगत ढांचे को तैयार किया जा रहा है। टास्क फ़ोर्स द्वारा प्राथमिकता के रूप में रोडमैप विकसित करने के लिए आठ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिनमें लाइवलीहुड ट्रांज़िशन, एनर्जी ट्रांज़िशन, डीकार्बोनाइजेशन पाथवे, कोयला ट्रांज़िशन, सस्टेनेबल मोबिलिटी ट्रांज़िशन, ग्रीन हाइड्रोजन, निवेश एवं वित्त और संस्थागत परिवर्तन प्रमुख है। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांज़िशन से जुड़े कार्यों को लेकर टास्क फ़ोर्स को सहयोग प्रदान करने के लिए चतरा जिला प्रशासन तत्पर है। सामाजिक-आर्थिक विकास एवं पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करना हमारे लिए बड़ी प्राथमिकता है। दूरदर्शी नजरिये के साथ चतरा सततशील विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन बना सकता है, जिससे जिले और राज्य का भविष्य समृद्ध एवं सुरक्षित हो सकता है। अपर समाहर्त्ता पवन कुमार मंडल ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और अक्षय ऊर्जा स्रोतों एवं अन्य वैकल्पिक क्षेत्रों, जैसे कृषि, पर्यटन, क्लीन टेक्नोलॉजी पर आधारित नए आर्थिक अवसरों एवं हरित नौकरियों को सुनिश्चित करने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण एवं समावेशी विकास के साथ आर्थिक विविधीकरण को जोड़ कर जिले के लिए एक सततशील भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। सस्टेनेबल ट्रांजिशन की प्रक्रिया में कन्वर्जेन्स एप्रोच पर जोर देते हुए सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि राज्य में क्लाइमेट रेसिलियंट एवं फ्यूचर-रेडी इकोनॉमी के लिए जिला एवं क्षेत्रीय स्तर पर अध्ययन एवं एक्शन प्लान का निर्माण जरूरी है। इसके लिए इंटर-डिपार्टमेंटल कन्वर्जेन्स एवं सभी स्टेकहोल्डर्स का सहयोग आवश्यक है। साथ ही नए अवसरों की पहचान एवं नीतिगत पहल लेने के अनुरूप आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए अधिकारियों का क्षमता-निर्माण कार्यक्रम जरूरी है।