सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी कोई मज़ेदार कहानी है, तो रिकॉर्ड करें, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

हमारे श्रोता ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बच्चों पर ध्यान देना ज़रूरी है। जैसे बच्चे क्या कर रहे है ,बच्चे के हाव भाव ,मोबाइल का इस्तेमाल क्या रहा है ,पढ़ाई में क्या पढ़ रहा है ,इन चीज़ों पर ध्यान देंगे तो बच्चों का भविष्य अच्छा बनेगा। साथ ही बच्चों की खेल कूद पर रुचि का भी ध्यान देना है। बच्चों की स्वच्छता पर भी ध्यान देना है। बच्चों के खान पान की रूचि भी देखनी है लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान को रखते हुए बच्चों को भोजन देना है

बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के शेकपुरा से डॉ शम्भू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मानसिक रूप से विकलांग बच्चों पर माता पिता को ध्यान अधिक देना होगा। बच्चों के आवश्यकताओं की पूर्ति धीरे धीरे करते रहे। इसमें सफलता मिलेगी और ऐसे बच्चों की दिमाग पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। वही सामान्य बच्चे आजकल अधिक मोबाइल में लगे रहते है। यह आजीविका के लिए अच्छा भी है लेकिन बाकि खेल वगेरा कार्य के लिए सही नहीं है। मोबाइल का सही इस्तेमाल होगा तो फायदा अधिक होगा