उत्तरप्रदेश राज्य के चित्रकूट जिला से कविता विश्वकर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकसभा चुनाव कार्य की समीक्षा बैठक में, डीएम ने फ्लाइंग स्क्वॉड स्टैटिस्टिक्स मजिस्ट्रेट और अन्य मोबाइल टीम के अधिकारियों को फटकार लगाई। बांदा जिले में जांच में अब तक तीन करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं, लेकिन यहां कोई प्रगति नहीं हुई है। क्या कोई जांच नहीं हो रही है? नमस्कार श्रोताओं, आप चित्रकूट मोबाइल वाणी सुन रहे हैं और आपके साथ, मैं कविता हूँ। वर्तमान में, इसका मतलब केवल यह है कि कभी-कभी मैदान में जाकर और फोटो खींचकर, अधिकारी समूह में फोटो साझा कर रहे हैं और कर्तव्य बता रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय की बैठक में अभिषेक आनंद ने कहा कि चुनाव पर्यवेक्षक की उपस्थिति के बावजूद जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डाल्टे ने कहा कि चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है, अगर कोई नियमों के खिलाफ नकदी, सोना और शराब लेकर कहीं जाता है, तो इसकी जांच की जानी चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ खजांची को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कितने वाहन हैं। जाँच करें कि यह किया जा रहा है अरुण एस. पी. अरुण कुमार ने कहा है कि पर्याप्त मानव शक्ति होने के बाद भी परिणाम शून्य है, कड़ी मेहनत करें, आठ घंटे की ड्यूटी की आवश्यकता है, फिर ईमानदारी दिखाएं, महिला पुलिस कर्मियों का कर्तव्य थोपा जाएगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के चित्रकूट जिला से कविता विश्वकर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के विकास के लिए सकारात्मक आर्थिक और सामाजिक नीतियाँ होनी चाहिए। देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णयों में कानूनी और समान अवसर प्रदान करना निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की समान भागीदारी स्वास्थ्य गुणवत्ता शिक्षा रोजगार में समान परिश्रम सामाजिक सुरक्षा आदि तक समान पहुंच होनी चाहिए। महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इस प्रक्रिया को लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना चाहिए, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करना चाहिए और नागरिक समाज, विशेष रूप से महिला संगठनों के साथ साझेदारी का निर्माण करना चाहिए। हम जानते हैं कि कोविड-19 से प्रभावित भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति की तो बात ही छोड़िए, महिलाएँ भारतीय अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के चित्रकूट जिला से कविता विश्वकर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के लिए सहायता और सम्मान पर मेरे कुछ विचार इस प्रकार हैंः शक्ति राष्ट्रीय शक्ति का एक अभिन्न अंग है, इसे सशक्त बनाए बिना और इसमें शामिल किए बिना कोई भी राष्ट्र शक्तिशाली नहीं हो सकता है। महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने के लिए, वर्तमान भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा महिलाओं को पुरुषों के बराबर अवसर प्रदान करने का प्रयास किया गया है, जो सुरक्षा के पांच पहलुओं पर आधारित एक व्यापक मिशन है। ये पाँच पहलू हैंः और बाल स्वास्थ्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय सुरक्षा, शैक्षिक और वित्तीय कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य की सुरक्षा और महिलाओं को सलाम करना। इस प्रकार, हम पाते हैं कि जब भी राष्ट्र को सशक्त बनाने की बात आती है। जब महिला सशक्तिकरण के पहलू की बात आती है, तो किसी संस्कृति को समझने का सबसे आसान तरीका उस संस्कृति में महिलाओं की स्थिति को समझने का प्रयास करना है। इस देश में महिलाओं की स्थिति निर्धारित करने के लिए उद्योग, व्यापार, खाद्यान्न की उपलब्धता, शिक्षा आदि के स्तर के साथ-साथ उनकी स्थिति का भी अध्ययन किया जाता है।

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किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के दिनों में लत्तर वाली फसलों में लगने वाली रोग और नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

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उदास होने पर हंसा देती है माँ नींद नहीं आने पर सुला देती है माँ मकान को घर बना देती है माँ खुद भूखी रह कर भी बच्चों का पेट भर्ती है माँ जी हां दोस्तों, माँ होती ही ऐसी हैं और माँ का इसी त्याग, समर्पण और प्यार पर समर्पित है मदर्स डे यानि मातृत्व दिवस। आज के दौर में यह दिन हर माँ के सम्मान में मनाया जाता है। आइये जानते हैं मदर्स डे मनाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई। दरअसल मदर्स दे 20वीं सदी की शुरुआत में अन्ना जार्विस द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनकी अपनी मां के मानवीय कार्यों के प्रति समर्पण से प्रेरित था।1914 में , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में नामित किया, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया। साथियों,एक और खास बात यह है कि हर साल मातृ दिवस का एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "सेलिब्रेटिंग मदरहुड: ए टाइमलेस बॉन्ड". मदर्स डे ना सिर्फ मां को समर्पित है बल्कि उनके त्याग, बच्चों के लिए समर्पण और खुद से ज्यादा बच्चों के लिए प्रेम की सराहना भी करता है.मां और बच्चे का रिश्ता हर रिश्तों से बड़ा होता है. साथियों, मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद !!

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को केले में फल वाले पौधों में सहारा देने एवं केले के अच्छे उत्पादन हेतु जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें