पाठक क्षेत्र का जंगल पुरातत्व इतिहास व सांस्कृतिक पहचान रखता है यह जंगली पहाड़ियों का कहीं नदी तालाब पोखर बावली झरने के खंड मूर्तियों के अवशेष व हजारों साल पुराने ऐतिहासिक शहर चित्र मौजूद है शैल चित्रों के प्रमाण ज्योति की गुफाओं में मिलते हैं इस स्थल को वर्तमान खंडेश्वर के नाम से जाना जाता है मानिकपुर के घाटी के ऊपर बरम बाबा के दक्षिण दिशा में जंगल हो जाने वाले रास्ते में लगभग 4 किलोमीटर दूर है इन कर चित्रों की मौजूदगी बिना पर्वत में है जंगल के एक भी छोटा सा आश्रम है जिसमें साधु निवास करते हैं आयुर्वेद की दवाई भी वितरित कहते हैं खास तौर से ब्लड प्रेशर शुगर की दवा निशुल्क वितरित करते हैं आश्रम के उत्तरी हिस्से में थोड़ी दूरी पर एक प्राचीन छतरी नुमा बड़ी शिलाखंड है शिलाखंड खुले स्थान पर है शिलाखंड में हजारों साल पुराने लाल गेरुआ रंग के चित्रित चित्र से मौजूद है सहेजने की जरूरत इतिहासकार डॉक्टर संग्राम सिंह ने प्रयागराज के कई शिक्षकों की टोली के साथ जंगल का अवलोकन किया उन्होंने बताया कि दूध की गुफा में एक स्थान पर पूरा फाइनल है जिसमें एक साथ तमाम जंगली पशुओं का झुंड दर्शी था कुछ साल चित्र धूप व सन रक्षण के भाव में खराब हो रहे हैं