उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से गीता वर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटियों को पढ़ाना चाहिए। उनको आगे बढ़ाना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए की वह पढ़ - लिख कर क्या करेगी। उनको पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए।

बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से गीता वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा है। इसलिए महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिलेगा तो समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से गीता वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिलेगा तो समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सीता देवी से हुई। सीता देवी यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार ज़मीन में पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से माया देवी से हुई। माया देवी यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कंचना से हुई। कंचना यह बताना चाहती है कि जितना अधिकार पुरुषों का होता है उतना ही अधिकार महिलाओं का भी होना चाहिए। महिलाओं को जमीन में आधा हिस्सा मिलना चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला श्रावस्ती से मीना यादव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति देवी से हुई। शांति देवी यह बताना चाहती है कि जिस प्रकार पुरुषों का जमीन में हक़ होता है उतना ही हक़ महिलाओं का भी होना चाहिए।

ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का अर्थ है ग्रामीण महिलाओं को उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना। यह उन्हें निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है। सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करना या उन्हें रोजगार देना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में समानता का दर्जा देना भी है। महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समुदाय के लिए बेहतर निर्णय ले सकती हैं। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आधी आबादी या महिलाओं को उनका पूरा हक दिया जाने से उनके जीवन सहित समाज में किस तरह के बदलाव आएगा जो एक बेहतर और बराबरी वाले समाज के निर्माण में सहायक हो सकता है? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?

उत्तप्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से जागीराम महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राजेंद्र प्रसाद से बातचीत किया। बातचीत के दौरान राजेंद्र ने बताया कि पुरुषों की तरह ही महिलाओं को संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को अधिकार मिलगा तो वे सशक्त व आत्मनिर्भर बनेंगी