उत्तरप्रदेश राज्य के श्रावस्ती ज़िला से गीता यादव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रही है। ये कहती है कि महिला का कोई जगह नहीं होता ,न मायके का न ससुराल का। अधिकार के मामले में भी मायके में भी तवज़्ज़ो नहीं मिलता ,न ही ससुराल में। जबकि महिला की शादी के बाद ससुराल ही उनका घर बन जाता है,वो ससुराल को सँवारती है तब भी उनका ससुराल में सम्मान नहीं किया जाता है। पुरुष को सारा अधिकार मिलता है पर महिलाओं को कुछ नहीं। संपत्ति पर भी महिलाओं का अधिकार नहीं रहता है