उत्तर प्रदेश राज्य के श्रावस्ती जिला से गीता यादव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राधा देवी से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि महिलाओं को जन्म लेते ही परिवार वाले पराया धन कह देते हैं। जब लड़की 18 साल की होती है, तो उसकी शादी कर देते हैं। ऐसे में वो मायके के अधिकार से वंचित कर दी जाती है। जब वही महिला ससुराल आती है, तो वहां कहा जाता है की ये पराये घर से आयी है। इसके साथ ही कई कारणों से उन्हें प्रताड़ना भी झेलना पड़ता है। साथ ही उन्हें ससुराल में भी कोई हिस्सा संपत्ति में नहीं दिया जाता है। इन सभी चीजों से सरकार वाकिफ होते हुए भी कोई ठोस कदम नहीं लेती है। जिसके कारण महिलाओं को कहीं कोई अधिकार नहीं मिलता है