उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राकेश श्रीवास्तव से हुई। राकेश कहते है कि शहरी क्षेत्र में परिवार वाले लड़कियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते है और उन्हें आगे बढ़ाने में प्रोत्साहित करते है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल दूर होने के कारण लड़कियों को पढ़ने नहीं भेजा जाता है और उन्हें घर के कार्य करने तक ही सीमित रखते है। उनकी सोच है कि लकड़ियों को घर देखना है पढाई कर के करेंगी ही क्या। सरकार की ओर से कई सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन अभिभावकों को जागरूक करना ज़रूरी है। ताकि वो बच्चियों को पढ़ाई में आगे बढ़ाए। सरकारी योजना की जानकारी होनी चाहिए ताकि वो इसका लाभ कैसे ले पाए। क्योंकि वो जागरूकता के अभाव में सरकारी सुविधा तक पहुँच नहीं पाते है। ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों के लिए सरकार को थोड़ा ओर व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि ग्रामीण बच्चियाँ प्रतिभाशाली होती है लेकिन सुविधा की अभाव में प्रतिभा खत्म हो जाता है। आर्थिक सुविधा में सरकार स्वयं सहायता समूह शुरू किया है जिसमे महिला कार्य करती है। लेन देन कर रोजगार करती है ,लेकिन इसके विस्तार की आवश्यकता है क्योंकि सभी महिला कोयह सुविधा नहीं मिल पा रहा है