उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जमीन हर बार एक संघर्ष का कारण बना हुआ है। आज तक पुरुष और महिला में बराबरी नहीं हो पाई है। समाज पितृसत्तात्मक होने के नाते महिलाओं को बाहर काम करने का मौका नहीं देता है। लड़कियाँ नौकरी में पीछे ही रह जाती है। लेकिन आज कुछ महिलाएं है जो बहुत आगे बढ़ी है और देश के विकास में योगदान दी है। वही जमीन की बात करें तो जमीन महिलाओं के नाम तो रहता है पर उनका मालिकाना हक़ उसमे रहता नहीं है। सरकार वोट के नाते महिलाओं का साथ दे रही है पर आज भी महिलाओं को वो दर्ज़ा नहीं मिलता जो पुरुषों को मिलता है। कई महिलाएं ऐसी है जो बंधनों को पार कर कई मुकाम हासिल की है, बाकि महिलाओं को भी जागरूक होना चाहिए