उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि भूमि हर जगह एक स्थायी संपत्ति मानी जाती है। किसी भी परिस्थिति में भूमि का उपयोग कर सकते है। कृषि प्रधान होने के नाते हमारा देश के पचास प्रतिशत लोग कृषि कार्य में जुटे है। जमीन हमारे पास है तो हमे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। महिलाएं खेत में काम करती तो है पर उन्हें कृषक नहीं माना गया है। पितृ सत्ता होने के कारण सारा अधिकार पुरुष को दिया गया है। अब समाज को जागरूक होने की ज़रुरत है। महिलाओं में भी उनके अधिकारों के प्रति उनको जागरूक करना होगा। ताकि वो खुद अपने अधिकारों का रक्षा और इस्तेमाल करेंगी। जहाँ शिक्षा का स्तर ऊँचा है वहाँ पुरुष महिला साथ मिल कर काम करती है और समाज में आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त माना जाता है। इसीलिए महिलाओं को भूमि अधिकार के बारे में बताना होगा।