उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि समाज में महिलाओं को पहले अपनी पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं होता था। शादी के बाद पति के संपत्ति पर हक़ होता था लेकिन पति की मृत्यु के बाद कानूनी तौर पर बेटों के नाम हो जाती थी। इससे महिलाओं को आर्थिक तौर पर समस्या होती थी। पर अब कानून में संशोधन कर पिता की संपत्ति में महिलाओं का भी अधिकार है