उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि हमारे देश में लैंगिक भेदभाव बुरी तरह से व्याप्त है। इसको लेकर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है। लड़कों और पुरुषों को कठोर और आक्रामक होना चाहिए जबकि लड़कियों और महिलाओं को विनम्र , आज्ञाकारी और शांत होना चाहिए।यह प्रवृति हमारे देश में बुरी तरह से व्याप्त है। लड़कियों पर होने वाले यौन हिंसा में लड़कियों को ही जिम्मेदार माना जाता है। यह गलत है। प्रताड़ित होकर भी महिलाओं को हर बातों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। परिवार में सभी फैसलों को लेने का अधिकार केवल पुरुषों का होता है। यह पितृसत्ता पर संकेत करता है . अगर उन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जागरूक किया जाए, तो महिलाएँ आगे बढ़ सकती है।