उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विशाल पांडेय ,मोबाइल वाणी के माध्यम से अतुल कुमार उपाध्याय से बात कर रहे है। ये बताते है कि यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है, लैंगिक असमानता, जिसका हम सभी सामना कर रहे हैं और आने वाले समय में कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन चीजों से प्रभावित हो रहे हैं। मानता एक सुंदर और सुरक्षित समाज की नींव है जिस पर विकास की इमारत का निर्माण किया जा सकता है। इसमें लैंगिक समानता भी अहम भूमिका निभाएगा। लैंगिक समानता भी हमारे समाज में प्रवेश कर चुकी थी, इस संदर्भ में वर्ष 2015 सितम्बर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी जिसमें 193 देशों का प्रतिनिधित्व किया गया था और 17 अलग अलग मुद्दा था जिसमे लैंगिक समानता भी एक मुद्दा था । यह स्पष्ट है कि हमारे समाज के विकास के लिए लैंगिक समानता कितनी आवश्यक है। मूल आधार यह है कि समाज में लैंगिक असमानता एक सावधानीपूर्वक निर्मित खाई है जो हमारे लिए समानता के स्तर को प्राप्त करना बहुत मुश्किल बनाती है।