उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि भारत को पुरुष प्रधान देश माना गया है। समाज में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब मानी जाती है। इसके तहत महिलाओं की शक्ति और अधिकार पुरुषों के तुलना में न के बराबर होता हैं। इसकी तुलना में, पुरुषों को एक ऐसे समाज में महिलाओं की तुलना में आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक श्रेष्ठता दी गई है। ऐसे समाज में महिलाओं को स्वतंत्र रूप से रहने और निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, जिसके कारण महिलाएं समाज में प्रगति नहीं कर पाती हैं। एक पितृसत्तात्मक समाज महिलाओं के खिलाफ असमानता और भेदभाव को कायम रखता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र नहीं होती हैं। महिलाओं की पहचान गायब होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाओं को अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिल पाता है।