उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला के हरैया सतगढ़वा से सिमरन मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि माना की सौतेली माँ के धन संपत्ति भले ही रहे लेकिन इसमें सौतेले पुत्र का हक़ नहीं है ,.कानूनी रूप से सौतेला पुत्र बेटा नहीं माना जाता है। अगर सौतेली माँ अपने सौतेले बेटे को वसीहत हिस्सा दें अपने मन से तब ही उसका अधिकार बन सकता है।